Book Name:Siddique e Akbar Ki Sakhawat
और उस के दरजात बुलन्द किए जाएं, उसे चाहिए कि जो इस पर ज़ुल्म करे, येह उसे मुआ़फ़ करे, जो इसे मह़रूम करे, येह उसे अ़त़ा करे और जो इस से तअ़ल्लुक़ तोड़े, येह उस से तअ़ल्लुक़ जोड़े । (مُستَدرَک للحاکم،کتاب التفسیر،۳ /۱۲،حدیث: ۳۲۱۵)
दुश्मनी छुपाने वाले रिश्तेदार को सदक़ा देना, अफ़्ज़ल सदक़ा है
बहर ह़ाल कोई हमारे साथ अच्छा सुलूक करे या न करे, हमें उस के साथ अच्छा सुलूक जारी रखना चाहिए । ह़दीसे पाक में है : सब से अफ़्ज़ल सदक़ा वोह है जो दिल में दुश्मनी रखने वाले रिश्तेदार को दिया जाए, इस की वज्ह येह है कि दिल में दुश्मनी रखने वाले रिश्तेदार को सदक़ा देने में सदक़ा भी है और रिश्ता तोड़ने वाले से अच्छा सुलूक करना भी । (مستدرک،کتاب الزکاۃ،باب افضل الصدقۃ..الخ،۲/ ۲۷،حدیث:۱۵۱۵)
अल्लाह पाक हम सभी को अपने रिश्तेदारों से हमेशा अच्छा सुलूक करते रेहने की तौफ़ीक़ नसीब फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
मदनी इनआ़म नम्बर 53 की तरग़ीब
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अपने घरवालों, पड़ोसियों और आ़म मुसलमानों के साथ ह़ुस्ने अख़्लाक़ से पेश आने का जज़्बा पाने, फै़ज़ाने सिद्दीके़ अक्बर से फै़ज़याब होने, अच्छे अख़्लाक़ की ला ज़वाल दौलत पाने और अच्छी सोह़बत के फै़ज़ान से मालामाल होने के लिए आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता रहिए ।
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ दावते इस्लामी का मदनी माह़ोल हमें मुसलमानों की ग़म ख़्वारी करना सिखाता है । अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने जो हमें मदनी इनआ़मात का तोह़फ़ा अ़त़ा फ़रमाया है उस में भी इस बात की तरग़ीब दिलाई है । चुनान्चे, इस्लामी भाइयों के 72 मदनी इनआ़मात में से 53वां मदनी इनआ़म है : क्या आप ने इस हफ़्ते कम अज़ कम एक मरीज़ या दुख्यारे के घर