Book Name:Ambiya-e-Kiram Ki Naiki Ki Dawat
इस में उन के लिए अज़ान व इक़ामत केहना मकरूह है । (دُرِّمُختار ،۲/ ۷۲) ٭ समझदार बच्चा भी अज़ान दे सकता है । (دُرِّمُختار،۲/ ۷۵) ٭ बे वुज़ू की अज़ान सह़ीह़ है मगर बे वुज़ू का अज़ान केहना मक्रूह है । (क़ानूने शरीअ़त, स. 158) ٭ अज़ान में उंगलियां कान में रखना मस्नून व मुस्तह़ब है मगर हिलाना और घुमाना ह़रकते फ़ुज़ूल है । (फ़तावा रज़विय्या, 5 / 373) ٭ फ़ज्र की अज़ान में حَیَّ عَلَی الْفَلَاح के बाद اَلصَّلٰوۃُ خَیْرٌ مِّنَ النَّوْم केहना मुस्तह़ब है । (دُرِّمُختار،۲/ ۶۷) अगर न कहा जब भी अज़ान हो जाएगी । (क़ानूने शरीअ़त, स. 157)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد