Book Name:Ambiya-e-Kiram Ki Naiki Ki Dawat
मजलिसे मालियात
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इस नाज़ुक दौर में आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी से वाबस्ता आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत यक़ीनन एक बहुत बड़ी नेमत है । लिहाज़ा मौक़अ़ को ग़नीमत जानते हुवे इन आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत से फै़ज़ उठाने के लिए आइए ! आप भी आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइए, अपने माल और वक़्त के ज़रीए़ नेकी की दावत को आ़म करने में दावते इस्लामी का साथ दीजिए । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी दुन्या भर में 108 से ज़ाइद शोबाजात में नेकी की दावत की धूमें मचाने में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक शोबा "मजलिसे मालियात" भी है । दावते इस्लामी के लिए जम्अ़ होने वाले सदक़ाते वाजिबा मसलन ज़कात, फ़ित़रात, उ़श्र और सदक़ाते नाफ़िला मसलन मसाजिद व मदारिस, जामिआ़त, लंगरे रज़विय्या व लंगरे ग़ौसिय्या वग़ैरा की मद्द में जम्अ़ होने वाले मदनी अ़त़िय्यात को मह़फ़ूज़ बनाने, उन का ह़िसाब किताब रखने और उन को शरई़ तक़ाज़ों के मुत़ाबिक़ ख़र्च करने के लिए मजलिसे मालियात का क़ियाम अ़मल में लाया गया है ।
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मक्तबतुल मदीना की त़रफ़ से मदनी अ़त़िय्यात जम्अ़ करने वाले इस्लामी भाइयों और इस्लामी बहनों की शरई़ रेहनुमाई के लिए रिसाला "चन्दे के बारे में सुवाल जवाब" और "चन्दा जम्अ़ करने की शरई़ एह़तियात़ें" भी शाएअ़ किया गया है । रब्बे करीम "मजलिसे मालियात" की कोशिशों को अपनी बारगाह में मक़्बूल फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! हम कितने ख़ुश नसीब हैं कि दामने मुस्त़फ़ा हमारे हाथों में है । इस नाज़ुक दौर में अल्लाह पाक ने उम्मते मुस्लिमा को एक वोह अ़ज़ीम रेहनुमा अ़त़ा फ़रमाया है जिसे दुन्या आज "अमीरे अहले सुन्नत" के लक़ब से जानती है । क़ुरबान जाऊं ! आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के अ़त़ा कर्दा इस अ़ज़ीम मदनी मक़्सद पर कि "मुझे अपनी और सारी दुन्या के लोगों की इस्लाह़ की कोशिश करनी है, اِنْ شَآءَ اللّٰہ ।" इस मदनी मक़्सद को अगर गेहराई से समझा जाए, तो पता चलता है कि नेकी की दावत आ़म करने का गोया एक बहुत बड़ा मिशन (Mission) दे दिया गया हो, सारी ज़िन्दगी अगर नेकी की दावत देने का सिलसिला जारी रहे, तो शायद फिर भी हम पूरी त़रह़ ह़क़ अदा न कर सकें । आज हम ने अम्बियाए किराम عَلَیْہِمُ السَّلَام की नेकी की दावत आ़म करने के अ़ज़ीमुश्शान वाक़िआ़त सुने, इन ईमान अफ़रोज़ वाक़िआ़त