Book Name:Faizan e Imam Bukhari
नामी अपने अ़लाके़ में मश्हूर (Famous) थी । जब पाकिस्तान बना, तो अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के वालिदैन हिजरत कर के पाकिस्तान तशरीफ़ ले आए । इब्तिदा में बाबुल इस्लाम (सिन्ध) के मश्हूर शहर "है़दराबाद" में मुक़ीम रहे, कुछ अ़र्सा वहां रहने के बा'द बाबुल मदीना (कराची) में तशरीफ़ लाए और यहीं रिहाइश इख़्तियार फ़रमाई ।
अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ को इ़ल्मे दीन ह़ासिल करने का बेह़द शौक़ व जज़्बा है, येही वज्ह है कि आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ दौरे जवानी ही में उ़लूमे दीनिया के ज़ेवर से आरास्ता हो चुके थे । आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने इ़ल्मे दीन ह़ासिल करने के ज़राएअ़ में से कुतुब का मुत़ालआ़ (Study) और उ़लमाए किराम की सोह़बत को इख़्तियार किया । इस सिलसिले में आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ मुसल्सल 22 साल मुफ़्तिये आ'ज़म पाकिस्तान, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुफ़्ती वक़ारुद्दीन क़ादिरी रज़वी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ की मुबारक सोह़बत से फै़ज़ ह़ासिल करते रहे और फिर एक वक़्त ऐसा भी आया कि आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ ने अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ को अपनी ख़िलाफ़त व इजाज़त से भी नवाज़ दिया ।
मा'मूलाते अ़त़्त़ार
٭ आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की ज़िन्दगी वक़्त की पाबन्दी और मुस्तक़िल मिज़ाजी में मश्हूर है, आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ मुसल्सल बा जमाअ़त नमाज़ अदा फ़रमाते, सुन्नतों और आदाब का हर वक़्त लिह़ाज़ रखते हैं । ٭ आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ उ़मूमन सादा और सफे़द लिबास बिग़ैर इस्तिरी के इस्ति'माल करना पसन्द फ़रमाते हैं जब कि सर पर छोटे साइज़ का सादा इ़मामा बांधते हैं । ٭ आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ लोगों की इस्लाह़ (Rectification) करने के मुआ़मले में बेह़द कोशिश करते नज़र आते हैं । ٭ आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ किसी के ख़िलाफे़ शरअ़ या ख़िलाफे़ सुन्नत काम को देख कर ख़ामोश नहीं रहते बल्कि फ़ौरन अच्छे अन्दाज़ में प्यार व मह़ब्बत से सामने वाले की इस्लाह़ फ़रमा देते हैं । ٭ इस नाज़ुक दौर में इ़ल्मे दीन से बे रग़बती और हर ख़ासो आ़म का रुजह़ान सिर्फ़ दुन्यावी ता'लीम की त़रफ़ होने की वज्ह से और दीनी मसाइल से ला इ़ल्म होने के सबब हर त़रफ़ जहालत फैलती जा रही है, ऐसे नाज़ुक ह़ालात में आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ दिन रात दीन की ख़िदमात में मसरूफ़े अ़मल रहे, यहां तक कि आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने सिने 1401 हि., ब मुत़ाबिक़ सिने 1981 ई़, में आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी का क़ियाम फ़रमाया, जिस का मदनी पैग़ाम दुन्या भर में पहुंच चुका है और दा'वते इस्लामी 107 से ज़ियादा शो'बाजात में दीन की ख़िदमत सर अन्जाम दे रही है, करोड़ों लोग इस से मुस्तफ़ीज़ हो रहे हैं । ٭ आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की ज़ाते मुबारका से वाबस्ता लोगों की ज़िन्दगी में मदनी इन्क़िलाब आता जा रहा है, लोग गुनाहों से ताइब हो कर नेकियों की त़रफ़ माइल होते जा रहे हैं । लिहाज़ा हमें चाहिये कि अल्लाह पाक के इस वलिय्ये कामिल के दामने करम से वाबस्ता हो कर इन के