Darood-o-Salam Kay Fazail

Book Name:Darood-o-Salam Kay Fazail

صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के ह़क़ में रह़मत की दुआ़ किया करें, जैसे फ़क़ीर लोग सख़ी दाता को दुआ़एं देते हैं ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "हफ़्तावार मदनी ह़ल्क़ा"

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अपने सीनों में मह़ब्बते रसूल को मज़ीद बढ़ाने और दुरूदो सलाम की आ़दत बनाने के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में ह़िस्सा लेने वाले बन जाइये । ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "हफ़्तावार मदनी ह़ल्क़ा" भी है, जिस के ज़रीए़ मुख़्तलिफ़ ज़बानें बोलने वालों के लिये उन की ज़बान में डिवीज़न सत़ह़ पर हफ़्तावार मदनी ह़ल्के़ की तरकीब बनाई जाती है ।

हफ़्तावार मदनी ह़ल्के़ के जदवल में तिलावत, ना'त शरीफ़, सुन्नतों भरा बयान, दुआ़ और दुरूदो सलाम शामिल है । किसी भी शहर / डिवीज़न में एक से ज़ाइद हफ़्तावार मदनी ह़ल्के़ अलग अलग दिनों और मुख़्तलिफ़ मक़ामात पर लगाए जा सकते हैं । आप भी दीनी कामों में तरक़्क़ी के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी का साथ दीजिये । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इस मदनी माह़ोल की बरकत से कई बिगड़े हुवे लोगों की इस्लाह़ हो चुकी है । आइये ! तरग़ीब के लिये एक मदनी बहार सुनते हैं । चुनान्चे,

मदनी माह़ोल की बरकतें

          मर्कज़ुल औलिया के एक इस्लामी भाई गुनाहों की वादियों में गुम थे, उन के स्कूल के ज़माने में एक इस्लामी भाई अक्सर उन के बड़े भाई से मिलने आया करते थे । एक दिन उन्हों ने आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ की दा'वत पेश की, येह उन की दा'वत पर सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में जा पहुंचे, उन्हें बहुत अच्छा लगा, लिहाज़ा उन्हों ने पाबन्दी से जाना शुरूअ़ कर दिया । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इस की बरकत से उन्हों ने