Book Name:Aala Hazrat Ka Ishq-e-Rasool
कामों में बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लीजिये । 8 मदनी कामों में से एक मदनी काम "मदनी इनआ़मात" पर अ़मल करना भी है । अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के अ़त़ा कर्दा 63 मदनी इनआ़मात नेक बनने और अपने एह़तिसाब का बेहतरीन नुस्ख़ा है और अपना मुह़ासबा करने के ह़वाले से ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर फ़ारूक़ رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने फ़रमाया : अपने नफ़्स का मुह़ासबा करो, इस से पहले कि तुम्हारा ह़िसाब लिया जाए और वज़्न किये जाने से पहले अपने आ'माल का ख़ुद वज़्न कर लो और बहुत बड़ी पेशी के लिये तय्यार हो जाओ । (फै़ज़ाने इह़याउल उ़लूम, स. 79) लिहाज़ा वक़्त मुक़र्रर कर के रोज़ाना फ़िक्रे मदीना कीजिये (या'नी मदनी इनआ़मात के मुत़ाबिक़ आज कहां तक अ़मल हुवा ?) रिसाले में दिये गए ख़ाने पुर कर के हर मदनी माह की पहली तारीख़ को अपनी ज़िम्मेदार इस्लामी बहन को जम्अ़ करवा दीजिये नीज़ मक्तबतुल मदीना की शाएअ़ कर्दा किताब "जन्नत के त़लबगारों के लिये मदनी गुलदस्ता" के ज़रीए़ दीगर इस्लामी बहनों को भी मदनी इनआ़मात पर अ़मल करने की तरग़ीब दिलाइये । हर इस्लामी बहन इनफ़िरादी कोशिश करने वाले मदनी इनआ़म पर अ़मल करते हुवे हर माह मदनी इनआ़मात के कम अज़ कम 26 रसाइल तक़्सीम कर के अगले माह वुसूल करने की भी कोशिश करे । हदफ़ : फ़ी ज़ैली ह़ल्क़ा कम अज़ कम 12 रसाइल हैं । ٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ وَجَلَّ मदनी इनआ़मात अ़मल का जज़्बा बढ़ाने और गुनाहों से पीछा छुड़ाने का बेहतरीन नुस्ख़ा हैं । ٭ मदनी इनआ़मात पर अ़मल करने वालों से अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ बहुत ख़ुश होते और उन्हें दुआ़ओं से नवाज़ते हैं । ٭ मदनी इनआ़मात पर अ़मल की बरकत से ख़ौफे़ ख़ुदा व इ़श्के़ मुस्त़फ़ा की ला ज़वाल दौलत हाथ आती है । ٭ मदनी इनआ़मात का येह अ़ज़ीम तोह़्फ़ा (Gift) अस्लाफे़ किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की याद दिलाता है । ٭ मदनी इनआ़मात बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن के नक़्शे क़दम पर चलते हुवे फ़िक्रे मदीना या'नी अपने आ'माल का मुह़ासबा करने का बेहतरीन ज़रीआ़ है । तरग़ीब के लिये एक मदनी बहार पेशे ख़िदमत है ।
बाबुल मदीना के एक अ़लाके़ के डिवीज़न "फै़ज़े मुर्शिद" की एक इस्लामी बहन का दा'वते इस्लामी के मुश्कबार मदनी माह़ोल से वाबस्तगी का सबब कुछ यूं बना कि एक इस्लामी बहन ने इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ का अ़त़ा कर्दा "नेक बनने का नुस्ख़ा" या'नी मदनी इनआ़मात का रिसाला उन्हें तोह़्फे़ में दिया और इस का मुत़ालआ़ करने और रोज़ाना फ़िक्रे मदीना करते हुवे इसे पुर करने का ज़ेहन दिया । उन्हों ने निय्यत कर ली कि रोज़ाना फ़िक्रे मदीना करते हुवे मदनी इनआ़मात के रिसाले को ज़रूर पुर करूंगी । जब उन नई इस्लामी बहन ने मदनी इनआ़मात के रिसाले में दिये हुवे सुवालात पढ़े, तो उन की ह़ैरत की इन्तिहा न रही क्यूंकि उस में ऐसी ऐसी नेकियों की तरग़ीब दिलाई गई थी कि जिन से वोह यक्सर ग़ाफ़िल थीं । इस के बा'द اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ وَجَلَّ उन्हों