Aala Hazrat Ka Ishq-e-Rasool

Book Name:Aala Hazrat Ka Ishq-e-Rasool

सलाम में पहल करने वाला अल्लाह عَزَّ وَجَلَّ का मुक़र्रब है । ٭ सलाम में पहल करने वाला तकब्बुर से भी बरी है । जैसा कि मेरे मक्की मदनी आक़ा, मीठे मीठे मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने बा सफ़ा है : पहले सलाम कहने वाला तकब्बुर से बरी है । (شُعَبُ الایمان ج۶ ص ۴۳۳) ٭ सलाम (में पहल) करने वाले पर 90 रह़मतें और जवाब देने वाले पर 10 रह़मतें नाज़िल होती हैं । (कीमियाए सआ़दत) ٭ اَلسَّلَامُ عَلَیْکُمْ कहने से 10 नेकियां मिलती हैं, साथ में وَ رَحْمَۃُ اللہ भी कहेंगी, तो 20 नेकियां हो जाएंगी और وَبَرَکاتُہٗ शामिल करेंगी, तो 30 नेकियां हो जाएंगी । ٭ इसी त़रह़ जवाब में وَعَلَیْکُمُ السَّلَامُ وَرَحمَۃُ اللہِ وَبَرَکاتُہٗ कह कर 30 नेकियां ह़ासिल की जा सकती हैं । ٭ सलाम का जवाब फ़ौरन और इतनी आवाज़ से देना वाजिब है कि सलाम करने वाला सुन ले । ٭ सलाम और जवाबे सलाम का दुरुस्त तलफ़्फु़ज़ याद फ़रमा लीजिये । पहले मैं कहती हूं, आप सुन कर दोहराइये : اَلسَّلَامُ عَلَیْکُمْ । अब पहले मैं जवाब सुनाती हूं फिर आप इस को दोहराइये : وَعَلَیْکُمُ السَّلَام

          त़रह़ त़रह़ की हज़ारों सुन्नतें सीखने के लिये मक्तबतुल मदीना की मत़बूआ़ दो कुतुब (1) 312 सफ़ह़ात पर मुश्तमिल किताब बहारे शरीअ़त, ह़िस्सा 16 और (2) 120 सफ़ह़ात की किताब "सुन्नतें और आदाब" इस के इ़लावा शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत के दो रसाइल "101 मदनी फूल" और "163 मदनी फूल" हदिय्यतन त़लब कीजिये और पढि़ये ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد