Book Name:Aala Hazrat Ka Ishq-e-Rasool
एक और मक़ाम पर इरशाद फ़रमाया : जिस को अल्लाह (पाक) और रसूल (صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) की शान में अदना (या'नी थोड़ी) सी भी तौहीन करता पाओ, अगर्चे वोह तुम्हारा कैसा ही प्यारा क्यूं न हो, फ़ौरन उस से जुदा हो जाओ, जिस को बारगाहे रिसालत में ज़रा भी गुस्ताख़ी करता देखो, अगर्चे वोह कैसा ही अ़ज़ीम बुज़ुर्ग क्यूं न हो, उसे अपने अन्दर से दूध की मख्खी की त़रह़ निकाल कर फेंक दो । (ता'लीमाते इमाम अह़मद रज़ा बरेलवी, स. 5, मुलख़्ख़सन)
मजलिसे मदनी तरबिय्यत गाह बराए इस्लामी बहनें
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! ऐ काश ! हमें भी आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ जैसा इ़श्के़ रसूल नसीब हो जाए । इ़श्के़ रसूल की दौलत पाने के लिये हमें चाहिये कि हम आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाएं और सुन्नतों की ख़िदमत के लिये दा'वते इस्लामी का साथ दें । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! दा'वते इस्लामी दुन्या भर में ख़िदमते दीन के कमो बेश 104 शो'बाजात में सुन्नतों की धूमें मचा रही है, इन्हीं शो'बाजात में से एक शो'बा "मजलिसे मदनी तरबिय्यत गाह बराए इस्लामी बहनें" भी है । येह मजलिस इस्लामी बहनों को 12 दिन के मुख़्तलिफ़ कोर्सिज़, मसलन मदनी काम कोर्स, इस्लाह़े आ'माल कोर्स, ख़ुसूसी इस्लामी बहन कोर्स, फै़ज़ाने क़ुरआन कोर्स, फै़ज़ाने नमाज़ कोर्स करवाती है । इन कोर्सिज़ में फ़िक़्ह, तज्वीद, अ़क़ाइद, सुन्नतें और आदाब, ज़ैली ह़ल्के़ के 8 मदनी काम की अहम्मिय्यत व मदनी काम करने का त़रीक़ा, ख़ुसूसी इस्लामी बहनों में मदनी काम करने का त़रीक़ा, नमाज़ के मसाइल और मख़्सूस सूरतें सिखाने का सिलसिला होता है ।
अल्लाह करीम मजलिसे मदनी तरबिय्यत गाह बराए इस्लामी बहनें को मज़ीद लगन के साथ दीन की ख़िदमत करते रहने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए ।
اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
सादाते किराम से अ़क़ीदत की वज्ह
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! चूंकि एक सच्चे आ़शिक़ के नज़दीक मह़बूब से निस्बत रखने वाली हर चीज़ भी क़ाबिले अ़क़ीदत व मह़ब्बत और लाइके़ एह़तिराम व इ़ज़्ज़त होती है, लिहाज़ा आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ भी प्यारे आक़ा, मक्की मदनी मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से मन्सूब हर चीज़ से मह़ब्बत करने के साथ साथ सय्यिद ज़ादों से भी ख़ास अ़क़ीदत रखते थे । जैसा कि :
ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना ज़फ़रुद्दीन क़ादिरी रज़वी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : सादाते किराम, जुज़ए रसूल (या'नी नबिय्ये पाक صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के जिस्मे मुनव्वर का टुक्ड़ा) होने की वज्ह से सब से ज़ियादा ता'ज़ीमो तौक़ीर के ह़क़दार हैं और इस पर पूरा