Fazilat Ka Maiyar Taqwa

Book Name:Fazilat Ka Maiyar Taqwa

ज़र्द चेहरे वाला मोची

        मक्तबतुल मदीना की बहुत ही प्यारी किताब जिस में बुज़ुर्गों के बहुत दिलचस्प वाक़िआ़त हैं, इस किताब का नाम है "उ़यूनुल ह़िकायात" इस किताब का एक दिलचस्प वाक़िआ़ सुनिये और ईमान ताज़ा कीजिये । चुनान्चे,

          ह़ज़रते सय्यिदुना ख़ुल्द बिन अय्यूब رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : बनी इसराईल के एक आ़बिद ने पहाड़ की चोटी पर साठ साल तक अल्लाह करीम की इ़बादत की । एक रात उस ने ख़्वाब देखा कि कोई कहने वाला कह रहा है : फ़ुलां मोची तुझ से ज़ियादा इ़बादत गुज़ार है और उस का मर्तबा तुझ से ज़ियादा है । जब वोह आ़बिद नींद से बेदार हुवा, तो ख़्वाब के बारे में सोचा फिर ख़ुद ही कहने लगा : येह तो मह़्ज़ ख़्वाब है, इस का क्या ए'तिबार ! लिहाज़ा उस ने ख़्वाब की त़रफ़ तवज्जोह न दी । कुछ अ़र्से बा'द उसे फिर इसी त़रह़ ख़्वाब में कहा गया कि फ़ुलां मोची तुझ से अफ़्ज़ल है मगर इस बार भी उस ने ख़्वाब की त़रफ़ कोई तवज्जोह न दी, तीसरी मरतबा फिर उसे ख़्वाब में येही कहा गया । बार बार ख़्वाब में मोची की फ़ज़ीलत के बारे में सुन कर वोह पहाड़ से उतरा और उस मोची के पास पहुंचा । मोची ने जब उसे देखा, तो अपना काम छोड़ कर ता'ज़ीमन खड़ा हो गया और बड़ी अ़क़ीदत से उस आ़बिद (या'नी इ़बादत गुज़ार) शख़्स के हाथ चूमने के बा'द अ़र्ज़ गुज़ार हुवा : आप को किस चीज़ ने इ़बादत ख़ाने से निकलने पर मजबूर किया है ? वोह आ़बिद कहने लगा : मैं तेरी वज्ह से यहां आया हूं । मुझे बताया गया है कि अल्लाह करीम की बारगाह में तेरा रुत्बा मुझ से ज़ियादा है, इस वज्ह से मैं तेरी ज़ियारत करने आया हूं । मुझे बता कि वोह कौन सा अ़मल है जिस की वज्ह से तुझे अल्लाह करीम की बारगाह में आ'ला मक़ाम ह़ासिल है ? वोह मोची ख़ामोश रहा, गोया वोह अपना अ़मल बताना नहीं चाहता था फिर कहने लगा : मेरा और तो कोई ख़ास अ़मल नहीं, हां ! इतना ज़रूर है कि मैं सारा दिन रिज़्के़ ह़लाल कमाने में मश्ग़ूल रहता हूं और ह़राम माल से बचता हूं फिर अल्लाह करीम मुझे सारे दिन