Fazilat Ka Maiyar Taqwa

Book Name:Fazilat Ka Maiyar Taqwa

रोज़ाना दो घन्टे मदनी काम

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! तक़्वा व परहेज़गारी का आ़दी बनने, मुत्तक़ी मुसलमानों की इ़ज़्ज़त, आबरू की ह़िफ़ाज़त का जज़्बा पाने और कामयाब मुसलमान बनने के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और रोज़ाना 2 घन्टे मदनी कामों में वक़्त देने वाले "मदनी इनआ़म" पर अ़मल कीजिये । मदनी कामों में 2 घन्टे देने का त़रीक़ा येह है कि हम रोज़ाना 2 दर्स घर और मस्जिद में दें या सुनें, दुकानों और घरों पर जा कर इनफ़िरादी कोशिश कर के इस्लामी भाइयों को हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ के लिये तय्यार करें, उन इस्लामी भाइयों पर इनफ़िरादी कोशिश करें जो पहले आते थे, अब नहीं आते या सुस्त हो गए हैं, हर माह तीन दिन के मदनी क़ाफ़िले के लिये अपने साथ दूसरे इस्लामी भाइयों को भी सफ़र के लिये तय्यार करें । इस मदनी इनआ़म पर अ़मल की बरकत से ज़ियादा से ज़ियादा सवाब जम्अ़ करने का मौक़अ़ मिलेगा । इस मदनी इनआ़म पर अ़मल की बरकत से दा'वते इस्लामी की तश्हीर व नेक नामी होगी । इस मदनी काम पर अ़मल की बरकत से अ़लाके़ में मदनी कामों की धूमें मच जाएंगी । इस मदनी इनआ़म की बरकत से नए नए इस्लामी भाई तय्यार होंगे । इस मदनी इनआ़म पर अ़मल की बरकत से मदनी क़ाफ़िलों की रेल पेल हो जाएगी । अल ग़रज़ ! इस मदनी इनआ़म पर अ़मल कर के हम बहुत सी भलाइयां समेटने में कामयाब हो सकते हैं । लिहाज़ा इस मदनी काम पर अ़मल का जज़्बा बढ़ाने और इस पर इस्तिक़ामत पाने के लिये रोज़ाना फ़िक्रे मदीना करने या'नी अपने आ'माल का मुह़ासबा करते हुवे मदनी इनआ़मात का रिसाला पुर करने को अपनी आ़दत बना लीजिये । आइये ! बत़ौरे तरग़ीब मदनी इनआ़मात पर अ़मल करने की एक बहार सुनते हैं । चुनान्चे,

रोज़ाना फ़िक्रे मदीना करने का इनआ़म

      एक इस्लामी भाई मदनी क़ाफ़िले में सफ़र पर थे, इसी दौरान उन पर बाबे करम खुल गया । हुवा यूं कि रात को जब वोह सोए, तो क़िस्मत अंगड़ाई