Jannat Ki Baharain

Book Name:Jannat Ki Baharain

'लानात

          दा'वते इस्लामी के इशाअ़ती इदारे मकतबतुल मदीना की मत़बूआ किताब "जन्नत में ले जाने वाले आ'माल" के सफ़ह़ा नम्बर 388 पर रिवायत नक़्ल की गई है कि ह़ज़रते सय्यिदुना अबू ज़र رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि ताजदारे रिसालत, शहनशाहे नुबुव्वत, मख़्ज़ने जूदो सख़ावत, पैकरे अ़ज़मतो शराफ़त, मह़बूबे रब्बुल इ़ज़्ज़त, मोह़सिने इन्सानिय्यत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : ऐ अबू ज़र ! सुब्ह़ के वक़्त किताबुल्लाह की एक आयत सीखने के लिये चलना तुम्हारे लिये सौ रक्अ़तें पढ़ने से बेहतर है और तुम्हारा सुब्ह़ के वक़्त इ़ल्म का एक बाब सीखने के लिये जाना तुम्हारे लिये हज़ार रक्अ़तें पढ़ने से बेहतर है । (ابن ماجہ، کتاب السنۃ ،باب فضل من تعلم القرآن وعلمہ، رقم ۲۱۹ ،ج۱ ، ص ۱۴۲)

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ ! इस फ़ज़ीलत को पाने के लिये यकुम रमज़ानुल मुबारक से 20 दिन का मुख़्तसर कोर्स "फै़ज़ाने तिलावते क़ुरआन" अ़लाक़ा सत़ह़ पर शुरूअ़ हो रहा है, जिस में इस्लामी बहनों को तिलावते क़ुरआन सुनने की सआदत के साथ साथ तर्जमा व तफ़्सीर (दिलचस्प क़ुरआनी वाक़िआत) सुनने की सआदत नसीब होगी । तमाम इस्लामी बहनों से मदनी इल्तिजा है कि इस कोर्स में न सिर्फ़ ख़ुद शिर्कत फ़रमाएं बल्कि दीगर इस्लामी बहनों पर इनफ़िरादी कोशिश कर के उन्हें भी इस कोर्स में दाख़िला दिलवाएं । तमाम ज़िम्मेदार इस्लामी बहनें येह निय्यत भी फ़रमा लें कि माहे रमज़ान की बरकतों

को पाने के लिये दो अहम मदनी काम "तरबिय्यती ह़ल्क़ा" और "हफ़्तावार मदनी दौरा" में लाज़िमी शिर्कत करेंगी । तमाम इस्लामी बहनें निय्यत फ़रमा लें कि हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में पाबन्दी से शिर्कत किया करेंगी कि अगर हम पाबन्दी से हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत करेंगी, तो अच्छी अच्छी बातें सीखती रहेंगी । اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ  وَجَلَّ

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ ! दा'वते इस्लामी कमो बेश 104 शो'बाजात में दीने मतीन की ख़िदमत में मुल्क व बैरूने मुल्क सरगर्मे अ़मल हैं, ह़ालांकि ह़ालात ऐसे हैं कि आज गुनाहों के फैलाने पर बहुत ज़ियादा सरमाया ख़र्च किया जा