Jannat Ki Baharain

Book Name:Jannat Ki Baharain

की बरकत से दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल की तश्हीर व नेक नामी होती है । लिहाज़ा आप भी मदनी कामों की ख़ूब ख़ूब धूमें मचाइये और दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से हर दम वाबस्ता रहिये ।

आइये ! दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्तगी की एक मदनी बहार मुलाह़ज़ा कीजिये । चुनान्चे,

बे पर्दगी से नजात मिल गई

          मुल्के मुर्शिद में मुक़ीम एक इस्लामी बहन दा'वते इस्लामी के मुश्कबार मदनी माह़ोल से वाबस्ता होने से पहले नित नए फै़शन अपनाने, गाने बाजे सुनने और बे पर्दगी जैसे गुनाहों में गिरिफ़्तार थीं नीज़ ग़ुस्सा और चिड़चिड़ापन भी उन की आदात में शामिल था । उन की ज़िन्दगी में मदनी इन्क़िलाब कुछ यूं बरपा हुवा कि एक दिन दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता एक इस्लामी बहन ने उन्हें नेकी की दा'वत दी और इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे दा'वते इस्लामी के तह़त होने वाले इस्लामी बहनों के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत का ज़ेहन दिया । उन की ज़बान में ऐसी तासीर थी कि वोह इन्कार न कर सकीं और दा'वते इस्लामी के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में जा पहुंचीं । तिलावत व ना'त शरीफ़ के बा'द होने वाला सुन्नतों भरा बयान बड़ा दिल नशीन और पुर तासीर था फिर ज़िक्रुल्लाह की सदाओं और रो रो कर की जाने वाली रिक़्क़त अंगेज़ दुआओं ने उन्हें बहुत मुतअस्सिर किया । इजतिमाअ़ में होने वाले अल्लाह के ज़िक्र से उन के दिल को बहुत सुकून मिला । वोह दिन और आज का दिन, वोह दा'वते इस्लामी वाली बन गइंर् । इस इजतिमाअ़ में शिर्कत से पहले  عَزَّوَجَلَّ مَعَاذَ اللّٰہ वोह बे पर्दगी जैसे गुनाह में गिरिफ़्तार थी मगर اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत की बरकत से उन्हों ने मदनी बुरक़अ़ सजा लिया और अब तक اَلْحَمْدُلِلّٰہ عَزَّوَجَلَّ इस पर इस्तिक़ामत ह़ासिल है । अगर आप को भी दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल के ज़रीए़ कोई मदनी बहार या बरकत मिली हो, तो आख़िर में मदनी बहार मक्तब पर जम्अ़ करवा दें ।