Shadi Aur Islami Talimaat

Book Name:Shadi Aur Islami Talimaat

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते उ़मर फ़ारूके़ आज़म رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ वाले वाक़िए़ से येह भी मालूम हुवा ! ग़रीब घर की नेक सीरत और ख़ौफे़ ख़ुदा रखने वाली लड़की को वक़्त के ख़लीफ़ा ने अपने घर की बहू बनाने को तरजीह़ दी, आप ने येह नहीं देखा कि वोह लड़की मालदार ख़ानदान से है या नहीं बल्कि येह देखा कि लड़की ख़ौफे़ ख़ुदा वाली है, नेक सीरत है, तक़्वा व परहेज़गारी की पैकर है, तो अपने बेटे का निकाह़ उस से करवा दिया । हमारे बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِم न सिर्फ़ अपने बच्चों के लिए नेक रिश्ते तलाश करते बल्कि दूसरों को भी ख़ौफे़ ख़ुदा रखने वाले, नेक और अच्छे रिश्तों को तरजीह़ देने की तरग़ीब दिलाते थे । चुनान्चे,

बेटी की शादी कहां करूं ?

          मश्हूर ताबेई़ बुज़ुर्ग, ह़ज़रते ह़सन बसरी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ के पास एक शख़्स आया और अ़र्ज़ की : मेरी एक ही बेटी है जिस से मैं बहुत मह़ब्बत करता हूं, उस के कई रिश्ते आए हैं, आप मुझे किस से शादी त़ै करने का मशवरा देते हैं ? इरशाद फ़रमाया : उस की ऐसे शख़्स से शादी करो जो "ख़ौफे़ ख़ुदा" वाला हो क्यूंकि अगर ऐसा शख़्स तुम्हारी बेटी से मह़ब्बत करेगा, तो उसे इ़ज़्ज़त देगा और अगर नफ़रत भी करेगा, तो (ख़ौफे़ ख़ुदा की वज्ह से) ज़ुल्म नहीं करेगा  (شرح السنۃ ، کتاب النکاح، باب اختیار الدین،  ۵/۹، حدیث:۲۲۳۴)

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा वाक़िए़ से हमें येह दर्स भी मिलता है कि अपनी औलाद के लिए नेक सीरत रिश्ते तलाश करें क्यूंकि औलाद की शादी के लिए सब से पेहला मर्ह़ला रिश्ता तलाश करने का होता है, लिहाज़ा जब भी अपनी औलाद की शादी करें, तो उन के लिए दीनदार, नेक, नमाज़ी और ख़ौफे़ ख़ुदा रखने वाला रिश्ता तलाश करें क्यूंकि नेक सीरत वालिदैन की बरकत येह होती है कि उन की औलाद मुत्तक़ी व परहेज़गार बनती है, उन्हें इन्आ़मो इकराम से नवाज़ा जाता है, उन की औलाद की बेहतरीन परवरिश होती है ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! निकाह़ के मुक़द्दस रिश्ते की बदौलत सिर्फ़ दुल्हा दुल्हन ही एक दूसरे से वाबस्ता नहीं होते बल्कि दो ख़ानदान भी आपस में जुड़ जाते हैं । निकाह़ ऐसा रिश्ता है जिस से नया ख़ानदान बनता, नया घर आबाद होता और नस्ल आगे बढ़ती है, लिहाज़ा शादी के लिए रिश्ता देखना, परखना फिर उस रिश्ते को मन्ज़ूर या ना मन्ज़ूर करना बहुत अहम फै़सला होता है क्यूंकि इस के असरात (Effects) कई ज़िन्दगियों पर पड़ते हैं ।

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! दीने इस्लाम ने रिश्ता तलाश करने के ह़वाले से भी हमारी बेहतरीन राहनुमाई की है, येही वज्ह थी कि अल्लाह वाले अपनी आने वाली नस्लों को नेक बनाने के लिए अपने बच्चों की शादी के ह़वाले से बड़ी एह़तियात़ फ़रमाते, अपने बच्चों के लिए सुल्झे हुवे, नेक, मुत्तक़ी और इ़बादतो रियाज़त के पैकर लड़के, लड़कियां तलाश करते और दीनदार रिश्तों को तरजीह़ दिया करते थे । आइए ! एक वाक़िआ़ सुनते हैं ।