Book Name:Shadi Aur Islami Talimaat
ख़ुशियां ले कर उड़ गई, दूल्हे मियां मौत के घाट उतर गए और ख़ुशियों भरा घर देखते ही देखते मातमकदा बन गया ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अगर हम चाहते हैं कि हमारे मुआ़शरे में सुन्नत के मुत़ाबिक़ शादियां हों, शादी में होने वाली ख़ुराफ़ात का ख़ातिमा हो, तो आ़शिक़ाने रसूल की दीनी तह़रीक दावते इस्लामी के दीनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइए और दीने मतीन की ख़िदमत में दावते इस्लामी का साथ दीजिए । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ दावते इस्लामी इस वक़्त दुन्या भर में 80 शोबों में दीने मतीन की ख़िदमत में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही शोबों में से एक "दारुल इफ़्ता अहले सुन्नत" भी है । सब से पेहला दारुल इफ़्ता अहले सुन्नत 15 शाबानुल मुअ़ज़्ज़म सिने 1421 हि. को क़ाइम हुवा और अब तक कई दारुल इफ़्ता अहले सुन्नत क़ाइम हो चुके हैं, जहां मुफ़्तियाने किराम उम्मते मुस्लिमा की शरई़ रेहनुमाई में मसरूफे़ अ़मल हैं । इस के इ़लावा दारुल इफ़्ता अहले सुन्नत के मुफ़्तियाने किराम टेलीफ़ोन और इन्टरनेट पर दुन्या भर के मुसलमानों की त़रफ़ से पूछे जाने वाले मसाइल का ह़ल बताते हैं । इन्टरनेट के ज़रीए़ दुन्या भर से इस मेल ऐड्रेस : (darulifta@dawateislami.net) पर सुवालात पूछे जा सकते हैं । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मदनी चेनल के सिलसिलों में "दारुल इफ़्ता अहले सुन्नत" के नाम से एक मक़्बूले आ़म और निहायत मालूमाती सिलसिला भी नश्र किया जाता है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इ़ल्मे दीन का नूर फैलाने के लिए दावते इस्लामी के आई-टी डीपार्टमेन्ट के तआ़वुन से "दारुल इफ़्ता अहले सुन्नत" मोबाइल ऐप्लीकेशन (Application) भी आ चुकी है और मज़ीद तरक़्क़ी का सफ़र जारी है ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! याद रखिए ! जो दुन्या में हंस हंस कर गुनाह करता है, वोह रोता हुवा जहन्नम में दाख़िल होगा । चुनान्चे,
ह़ज़रते अ़ब्दुल्लाह बिन अ़ब्बास رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھُمَا से मन्क़ूल है : जो हंस हंस कर गुनाह करेगा, वोह रोता हुवा जहन्नम में दाख़िल होगा । (مکاشـفة القلوب،الباب السادس والثـمانون فی الضحـک …الخ ،ص۲۷۵) ऐ काश ! * हम ग़ुलामाने सह़ाबाओ अहले बैत भी अल्लाह वालों की सीरत पर अ़मल करते हुवे अपने यहां होने वाली शादियां आसान बनाएं । * शादी में होने वाली नाजाइज़ और ख़िलाफे़ शरअ़ रस्मों को ख़त्म करने की कोशिश करें । * शादी की दावत हो या कोई और ईवेन्ट, हर एक में बे पर्दगी और बे ह़याई को रोकने की कोशिश करें । * शादी में गाने, बाजे बजाने और दूसरी ख़ुराफ़ात से बचें । * शादी में जहेज़ का मुत़ालबा न करें । * अगर जहेज़ लें भी, तो कम और सुन्नत के मुत़ाबिक़ लें । * वलीमे की