Book Name:Safai Ki Ahamiyyat
खाने से पेहले और बाद के वुज़ू के फ़ज़ाइल
- इरशाद फ़रमाया : खाने से पेहले और बाद में वुज़ू करना, मोह़ताजी को दूर करता और येह रसूलों عَلَیْہِمُ السَّلَام की सुन्नतों में से है । (معجم اوسط ،۵/۲۳۱،حدیث:۶۶ ۱ ۷)
- इरशाद फ़रमाया : जो येह पसन्द करे कि अल्लाह करीम उस के घर में भलाई ज़ियादा करे, तो जब खाना ह़ाज़िर किया जाए, वुज़ू करे और जब उठाया जाए, उस वक़्त भी वुज़ू करे । (ابن ماجہ،كتاب الاطعمه،باب الوضوء عند الطعام،۴/۹ ،حدیث:۳۲۶۰)
- इरशाद फ़रमाया : खाने से पेहले वुज़ू करना एक नेकी और खाने के बाद करना दो नेकियां हैं । (جامع صغير، ص۵۷۴،حدیث: ۹۶۸۲)
- इरशाद फ़रमाया : खाने से पेहले और बाद का वुज़ू (यानी हाथ और मुंह का अगला ह़िस्सा धोना), रिज़्क़ में कुशादगी करता और शैत़ान को दूर करता है । (کنزالعمال،کتاب المعیشۃ والعادات،الباب الاول،جز۱۵،۸/۱۰۶،حدیث:۴۰۷۵۵)
- इरशाद फ़रमाया : खाने में बरकत का ज़रीआ़ इस (यानी खाने) से पेहले और इस (यानी खाने) के बाद वुज़ू करना (यानी दोनों हाथ गिट्टों तक धोना) है । (ترمذی،كتاب الأطعمۃ،باب ماجاء فی الوضوء…الخ ،۳/۳۳۴،حدیث:۱۸۵۳ ملتقطاً)
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा अह़ादीसे करीमा का ख़ुलासा येह है कि खाने का वुज़ू मोह़ताजी को दूर करता है, अम्बियाए किराम عَلَیْہِمُ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام की सुन्नत है, घर में भलाई को बढ़ाता है, इस की बरकत से खाने से पेहले एक और खाने के बाद दो नेकियां मिलती हैं, शैत़ान को दूर करता और खाने में बरकत का ज़रीआ़ है ।
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! यहां येह बात ज़ेह्न नशीन रहे कि खाने के वुज़ू से मुराद नमाज़ वाला वुज़ू नहीं बल्कि इस से मुराद दोनों हाथ गिट्टों तक, मुंह का अगला ह़िस्सा धोना और कुल्ली करना है । ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ की एक तह़रीर का ख़ुलासा है कि तौरैत में खाने से पेहले और बाद में हाथ धोने और कुल्ली करने का ह़ुक्म था मगर क़ौम के शरीरों ने तह़रीफ़ (तब्दीली) कर के पेहले वाला मिटा दिया और खाने के बाद हाथ धोने को बाक़ी रखा । खाने से पेहले हाथ, मुंह धोने का ह़ुक्म इस लिए है कि हाथ, मुंह काम काज में मसरूफ़िय्यत की वज्ह से मैले हो जाते हैं । खाने के बाद हाथ, मुंह धोने का ह़ुक्म इस लिए है कि खाने की वज्ह से हाथ, मुंह चिकने हो जाते हैं । खाना खा कर कुल्ली करने वाला दांतों के अमराज़ से मह़फ़ूज़ रहेगा । इसी त़रह़ वुज़ू में मिस्वाक का आ़दी भी दांतों और मेदे के अमराज़ से बचा रेहता है । (मिरआतुल मनाजीह़, 6 / 32, मुलख़्ख़सन)
खाने से पेहले और बाद हाथ, मुंह धोने के कई त़िब्बी फ़वाइद (Medical Benefits) भी हैं । चुनान्चे, माहिरीन का केहना है कि पेट के जरासीम ज़ियादा तर खाने, पीने के दौरान इन्सानी जिस्म में दाख़िल होते हैं । हाथ, मुंह न धोने की वज्ह से जिल्दी अमराज़ (Skin Diseases), पेट के अमराज़ और दीगर बीमारियां लाह़िक़ हो सकती हैं । बाज़ अवक़ात दूसरे मरीज़ों के थूकने, छींकने और खांसने की वज्ह से भी बीमारियों के जरासीम हमारे हाथों पर लग जाते हैं, खाने से पेहले अच्छी त़रह़ हाथ, मुंह धोने से इन से बचाव हो सकता है । इसी त़रह़ खाने के बाद हाथ, मुंह न धोने