Safai Ki Ahamiyyat

Book Name:Safai Ki Ahamiyyat

यक़ीन कर लेना चाहिए कि दिल का ख़राब होना बहुत सख़्त बात है, इस लिए दिल की दुरुस्ती की त़रफ़ पूरी तवज्जोह दे ताकि तमाम आज़ा की इस्लाह़ हो जाए और तू रूह़ानी राह़त मह़सूस करे फिर दिल की इस्लाह़ निहायत मुश्किल और दुश्वार (Difficult) है क्यूंकि इस की ख़राबी, ख़त़रात व वस्वसों पर मुश्तमिल है जिन का पैदा होना बन्दे के इख़्तियार में नहीं, इस लिए इस की इस्लाह़ में पूरी होश्यारी, बेदारी और बहुत ज़ियादा जिद्दो जह्द की ज़रूरत है । (منہاج العابدین ،الباب الثالث، العقبة الثالثۃ، ص۹۸)

          अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ फ़रमाते हैं : गुनाहों की वज्ह से दिल भी मैला हो जाता है, तिलावते क़ुरआन करने, मौत को याद करने, अल्लाह पाक के ख़ौफ़ और इ़श्के़ मुस्त़फ़ा में रोने से दिल की सफ़ाई होती है । (मदनी मुज़ाकरा, 20 रमज़ानुल मुबारक 1437 हि., 26 जून 2016 ई़.)

अमीरे अहले सुन्नत की ऐप (Application) का तआ़रुफ़

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! नेक लोगों की सोह़बत में रेहने और नेकों की बातें सुनने से भी दिल साफ़ होता है और रूह़ानिय्यत पैदा होती है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ अमीरे अहले सुन्नत, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ इस दौर में यादगारे अस्लाफ़ शख़्सिय्यत हैं । चूंकि आप ख़ुद ख़ौफे़ ख़ुदा से मामूर और शरीअ़त पर अ़मल करने वाली शख़्सिय्यत हैं, लिहाज़ा आप के मल्फ़ूज़ात और किरदार से मुतास्सिर हो कर कई दिलों में ख़ौफे़ ख़ुदा की शम्अ़ रौशन हुई है । आप के मल्फ़ूज़ात से दुन्या भर के आ़शिक़ाने रसूल बरकतें ह़ासिल कर रहे हैं ।

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ दावते इस्लामी के शोबे "आई-टी डीपार्टमेन्ट (I.T Department)" ने अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की मोबाइल ऐप्लीकेशन "मौलाना इल्यास क़ादिरी" के नाम से लॉन्च की है, जिस में अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ का तआ़रुफ़, आप से मुरीद (बैअ़त) होने की सहूलत, आप के वीडियो और ऑडियो क्लिप्स (Video & Audio Clips) और मुख़्तलिफ़ कुतुबो रसाइल की सहूलत मौजूद है । आज ही अपने मोबाइल में येह ऐप (App) इन्सटॉल करें और फै़ज़ाने अमीरे अहले सुन्नत से आप भी ह़िस्सा पाने की सआ़दत ह़ासिल कीजिए ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

ह़िफ़्ज़ाने सेह़त से मुतअ़ल्लिक़ कुछ निकात

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आइए ! मक्तबतुल मदीना के रिसाले "तज़किरए अमीरे अहले सुन्नत (क़िस्त : 8)" से ह़िफ़्ज़ाने सेह़त के चन्द निकात सुनते हैं । चुनान्चे, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ फ़रमाते हैं : ٭ सेह़त के मुआ़मले में ग़फ़्लत न फ़रमाइए कि बसा अवक़ात मामूली सी ख़राश भी बढ़ते बढ़ते गेहरे ज़ख़्म फिर नासूर और बिल आख़िर मौत का सबब बन सकती है । मुशाहदा है कि जहां दवाएं काम नहीं करतीं, वहां परहेज़ करने से ह़ैरत अंगेज़ नताइज बरआमद हो जाते हैं । नया कपड़ा अगर एक बार भी धुल जाए, तो फिर उस की पेहले जैसी चमक दमक बाक़ी रेहती है, न ही क़ीमत । (मदनी मुज़ाकरा, केसेट नम्बर : 253) ٭ कोशिश कर के शूगर, लिपिड प्रोफ़ाइल वग़ैरा हर तीन माह के बाद टेस्ट करवाइए बल्कि कभी कभी मुकम्मल चेकअप भी करवा लेना