Book Name:Kamalat-e-Mustafa
ह़ज़रते बीबी उम्मे सुलैम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا के पास एक बकरी थी, उन्हों ने उस के दूध से घी बना कर एक मश्कीज़े में जम्अ़ किया, जब मश्कीज़ा भर गया, तो कनीज़ के हाथ वोह मश्कीज़ा रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बारगाह में भेज दिया कि आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ इस के ज़रीए़ सालन बनाएं । आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : इन का मश्कीज़ा ख़ाली कर के लौटा दो । ख़ाली मश्कीज़ा घर पहुंचा और जब बीबी उम्मे सुलैम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا ने देखा, तो बड़ी ह़ैरान हुईं कि मश्कीज़ा वैसे का वैसा भरा हुवा है और उस से घी भी टपक रहा है । कनीज़ से पूछा : क्या वोह मश्कीज़ा सरकारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बारगाह में नहीं ले गई ? उस ने कहा : मैं ने वैसे ही किया जैसे आप ने कहा था, चाहें तो आप ख़ुद जा कर तस्दीक़ (Verify) कर लें । ह़ज़रते बीबी उम्मे सुलैम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا बारगाहे रिसालत में ह़ाज़िर हुईं और अ़र्ज़ की : मैं ने आप की ख़िदमत में घी का मश्कीज़ा भेजा, उस ज़ात की क़सम जिस ने आप को हिदायत और दीने ह़क़ के साथ भेजा ! वोह मश्कीज़ा पेहले की त़रह़ भरा हुवा है और उस से उसी त़रह़ घी टपक रहा है । तो नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : क्या तू इस बात से तअ़ज्जुब करती है ? अल्लाह पाक ने तुझे खिलाया है जिस त़रह़ तू ने उस के नबी को खिलाया, खाओ और खिलाओ । उम्मे सुलैम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا केहती हैं : मैं घर आई और मैं ने उस घी को मुख़्तलिफ़ प्यालों में डाल दिया और कुछ घी उस मश्कीज़े में रेहने दिया जिस से हम ने एक या दो महीने तक सालन बनाया । (مجمع الزوائد، کتاب علامات النبوہ ،باب معجزاتہ فی الطعام و برکتہ فیہ،۸/۵۴۳، حدیث:۱۴۱۲۶)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد