Kamalat-e-Mustafa

Book Name:Kamalat-e-Mustafa

सिवा कोई काम आने वाला, बिगड़ी बनाने वाला होगा क़सम उस की जिस ने उन्हें आप पर मेहरबान किया ! हरगिज़ हरगिज़ कोई मां अपने अ़ज़ीज़, प्यारे, इक्लौते बेटे (The Only Son) पर कभी भी इतनी मेहरबान नहीं जिस क़दर वोह अपने एक उम्मती पर मेहरबान हैं (फ़तावा रज़विय्या, 29 / 583)

٭ मरह़बा या मुस्त़फ़ा ٭ मरह़बा या मुस्त़फ़ा ٭ मरह़बा या मुस्त़फ़ा

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि हमारे प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ हम से कितनी मह़ब्बत फ़रमाते हैं, लिहाज़ा हमें चाहिए कि हम भी आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से मह़ब्बत करें, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सुन्नतों पर अ़मल करें और दीगर मुसलमानों को भी सुन्नतों पर अ़मल की तरग़ीब दिलाएं अल्लाह करीम हम सब को सुन्नतों पर अ़मल करने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए

 اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

सब से औला आला हमारा नबी

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! तमाम अम्बिया عَلَیْہِمُ السَّلَام के तमाम कमालात, तमाम अच्छाइयां, ख़ूबियां और सारे मोजिज़ात आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ज़ात में मौजूद हैं, तमाम अम्बियाए किराम عَلَیْہِمُ السَّلَام पर आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की अफ़्ज़लिय्यत को क़ुरआने पाक में भी बयान किया गया चुनान्चे, पारह 3, सूरतुल बक़रह की आयत नम्बर 253 में इरशादे रब्बानी है :

(پ ۳، البقرۃ:۲۵۳)œ*„)*6„"(ú+¤ÿm„&%~"u