Book Name:Kamalat-e-Mustafa
इलाही आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को मिला । इस के इ़लावा बे इन्तिहा ख़साइस आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को अ़त़ा हुवे । (तफ़्सीरे सिरात़ुल जिनान, 1 / 379, मुलख़्ख़सन)
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के मोजिज़ात बे शुमार हैं । अल्लाह पाक ने अपनी अ़त़ा से आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को ऐसे ऐसे ज़बरदस्त इख़्तियारात अ़त़ा फ़रमाए हैं जिन का अन्दाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता, मसलन अल्लाह पाक की अ़त़ा से आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने उंगली के इशारे से चांद के 2 टुक्ड़े किए, अल्लाह पाक की अ़त़ा से आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने दुआ़ फ़रमाई, तो डूबा सूरज पलट आया, अल्लाह पाक की अ़त़ा से आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ पानी में पथ्थर को तेरा दें, अल्लाह पाक की अ़त़ा से आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने लक्ड़ियां बल्ब की त़रह़ रौशन फ़रमा दीं, अल्लाह पाक की अ़त़ा से थूक मुबारक डाल कर खारी कुंवों को मीठा कर दिया, अल्लाह पाक की अ़त़ा से आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने तो उंगलियों से पानी के चश्मे जारी कर दिए, अल्लाह पाक की अ़त़ा से दरख़्तों और पथ्थरों से कलाम किया, अल्लाह पाक की अ़त़ा से दरख़्त आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बारगाह में ह़ाज़िरी को आया, अल्लाह पाक की अ़त़ा से थोड़ा सा दूध सत्तर आदमियों को काफ़ी हो गया, अल्लाह पाक की अ़त़ा से थोड़ा सा खाना कसीर जमाअ़त को काफ़ी हो गया और अल्लाह पाक की अ़त़ा से आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बरकत से जानवर इन्सानी बोली बोलने लगे, अल ग़रज़ ! अल्लाह पाक ने आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को बहुत से इख़्तियारात से नवाज़ा है ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد