Book Name:Kamalat-e-Mustafa
12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "मदनी दर्स"
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! आक़ा करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सीरत के फै़ज़ान से मालामाल होने के साथ साथ आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सुन्नतों और फ़रामीन पर अ़मल का जज़्बा बढ़ाने के लिए आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो कर ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में मश्ग़ूल हो जाइए । याद रहे ! ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से रोज़ाना का एक मदनी काम "मदनी दर्स" भी है, जो इ़ल्मे दीन सीखने, सिखाने का मुअस्सर तरीन ज़रीआ़ है । अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की चन्द कुतुबो रसाइल के इ़लावा आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की बाक़ी तमाम कुतुबो रसाइल, बिल ख़ुसूस "फ़ैज़ाने सुन्नत" पेहली जिल्द, "फ़ैज़ाने सुन्नत" दूसरी जिल्द के इन अब्वाब : (1) ग़ीबत की तबाहकारियां और (2) नेकी की दावत, "फ़ैज़ाने सुन्नत" तीसरी जिल्द के बाब "फै़ज़ाने नमाज़" से मस्जिद, चौक, बाज़ार, दुकान, दफ़्तर और घर वग़ैरा में दर्स देने को तन्ज़ीमी इस्त़िलाह़ में "मदनी दर्स" केहते हैं ।
٭ मदनी दर्स बहुत ही प्यारा मदनी काम है कि इस की बरकत से मस्जिद की ह़ाज़िरी की बार बार सआ़दत नसीब होती है । ٭ मदनी दर्स की बरकत से मुसलमानों से मुलाक़ात व सलाम की सुन्नत आ़म होती है । ٭ मदनी दर्स की बरकत से अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के मुख़्तलिफ़ मौज़ूआ़त पर मुश्तमिल कुतुबो रसाइल से इ़ल्मे दीन से मालामाल क़ीमती मालूमात उम्मते मुस्लिमा तक पहुंचाई जा सकती है । ٭ मदनी दर्स बे नमाज़ियों को नमाज़ी बनाने में बहुत मददगार है । ٭ मस्जिद के इ़लावा चौक, बाज़ार, दुकान वग़ैरा में अगर मदनी दर्स होगा, तो इस की बरकत से आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल की वहां भी मश्हूरी व नेक नामी होगी । आइए ! तरग़ीब के लिए मदनी दर्स का एक वाक़िआ़ सुनते हैं । चुनान्चे,