Kamalat-e-Mustafa

Book Name:Kamalat-e-Mustafa

प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आइये ! अल्लाह पाक की रिज़ा पाने और सवाब कमाने के लिये पहले अच्छी अच्छी निय्यतें कर लेते हैं :

फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ : "نِیَّۃُ الْمُؤمِنِ خَیْرٌ مِّنْ عَمَلِہٖ" मुसलमान की निय्यत उस के अ़मल से बेहतर है (معجم کبیر،۶/۱۸۵،حدیث:۵۹۴۲)

अहम नुक्ता : नेक और जाइज़ काम में जितनी अच्छी निय्यतें ज़ियादा, उतना सवाब भी ज़ियादा

बयान सुनने की निय्यतें

          ٭ निगाहें नीची किये ख़ूब कान लगा कर बयान सुनूंगा ٭  टेक लगा कर बैठने के बजाए इ़ल्मे दीन की ता'ज़ीम के लिये जब तक हो सका दो ज़ानू बैठूंगा ٭ اُذْکُرُوااللّٰـہَ، تُوبُوْا اِلَی اللّٰـہِ  صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْبِ،  वग़ैरा सुन कर सवाब कमाने और सदा लगाने वालों की दिलजूई के लिये बुलन्द आवाज़ से जवाब दूंगा ٭  इजतिमाअ़ के बा' ख़ुद आगे बढ़ कर सलाम मुसाफ़ह़ा और इनफ़िरादी कोशिश करूंगा

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! اِنْ شَآءَ اللّٰہ आज हम कमालाते मुस्त़फ़ा और आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के मोजिज़ात के बारे में ईमान अफ़रोज़ वाक़िआ़त सुनने की सआ़दत ह़ासिल करेंगे आइए ! पेहले एक ईमान ताज़ा करने वाला वाक़िआ़ सुनते हैं चुनान्चे,

बकरी कान झाड़ती उठ खड़ी हुई !

          मश्हूर सह़ाबिए रसूल, ह़ज़रते जाबिर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ बयान करते हैं : (ग़ज़्वए ख़न्दक़ के मौक़अ़ पर) ख़न्दक़ खोदते वक़्त अचानक एक ऐसी चट्टान ज़ाहिर हो गई जो किसी से न टूटती थी । जब हम ने बारगाहे रिसालत में येह मुआ़मला पेश किया, तो आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ उठे, तीन दिन का फ़ाक़ा था और पेट मुबारक पर पथ्थर बंधा हुवा था, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ