Book Name:Aala Hazrat Ka Aala Kirdar
नाम मुझे याद हैं, रोज़ाना सब के लिये नाम ले कर दुआ़ करता हूं । (फै़ज़ाने आ'ला ह़ज़रत, स. 180, मुलख़्ख़सन)
मां-बाप, उस्ताद और तमाम मुसलमानों
के लिये दुआ़ की अहम्मिय्यत
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! हमें भी आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ की सीरत अपनाते हुवे न सिर्फ़ अपने लिये बल्कि अपने मां-बाप और तमाम मुसलमानों के लिये भी दुआ़ करनी चाहिये । ह़ज़रते सय्यिदुना अबुल शैख़ अस्बहानी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ ने ह़ज़रते सय्यिदुना साबित बुनानी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ से रिवायत की । हम से ज़िक्र किया गया है : जो शख़्स मुसलमान मर्दों और औ़रतों के लिये भलाई की दुआ़ करता है, क़ियामत के दिन जब उन की मजलिसों पर गुज़रेगा, एक कहने वाला कहेगा : येह वोह है जो तुम्हारे लिये दुन्या में भलाई की दुआ़ करता था । पस वोह उस की शफ़ाअ़त करेंगे और बारगाहे इलाही में अ़र्ज़ कर के उसे जन्नत में ले जाएंगे । (फ़ज़ाइले दुआ़, स. 86, मुलख़्ख़सन)
क़ुरआने करीम में मुसलमानों के लिये दुआ़ करने के बारे में अल्लाह पाक इरशाद फ़रमाता है :
وَ اسْتَغْفِرْ لِذَنْۢبِكَ وَ لِلْمُؤْمِنِیْنَ وَ الْمُؤْمِنٰتِؕ-(پ۲۶، محمد: ۱۹)
तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : और ऐ ह़बीब ! अपने ख़ास ग़ुलामों और आ़म मुसलमान मर्दों और औ़रतों के गुनाहों की मुआ़फ़ी मांगो ।
ह़दीस में है : रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने एक शख़्स को اَللّٰھُمَّ اغْفِرْلِيْ (या'नी ऐ अल्लाह पाक ! मेरी मग़फ़िरत फ़रमा) कहते सुना । फ़रमाया : अगर सब मुसलमानों को दुआ़ में शामिल करता, तो तेरी दुआ़ मक़्बूल होती । (ردّ المحتار، کتاب الصلاۃ، باب صفۃ الصلاۃ، آداب الصلاۃ، مطلب: في الدعاء بغیر العربیۃ،۲/۲۸۶)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की मह़ब्बते आ'ला ह़ज़रत
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ का शुमार आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ से सच्ची मह़ब्बत करने वालों में होता है, जिन्हें आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ की शख़्सिय्यत और आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ के इ़ल्मी कारनामों ने बहुत मुतअस्सिर किया है । येही वज्ह है कि अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ, इमामे अहले सुन्नत, आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ की ता'लीमात के मुत़ाबिक़ दीने मतीन की इन्तिहाई शानदार अन्दाज़ में ख़िदमात सर अन्जाम दे रहे हैं जिस का वाज़ेह़ सुबूत आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की तासीर भरी तह़रीरें, सुन्नतों भरे बयानात और इ़ल्मो ह़िक्मत से भरपूर मदनी मुज़ाकरे हैं जो तर्जमए क़ुरआन कन्ज़ुल ईमान, फ़तावा रज़विय्या के जुज़्इय्यात और ह़दाइक़े बख़्शिश के रिक़्क़त व सोज़ से भरपूर अश्आ़र से ख़ुश्बूदार होते हैं । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इसी अ़क़ीदतो मह़ब्बत का सदक़ा है कि अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने अपनी ज़िन्दगी का पहला रिसाला आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ की