Jawani Me Ibadat kay Fazail

Book Name:Jawani Me Ibadat kay Fazail

रसूल, ह़ज़रते सय्यिदुना बिलाले ह़बशी رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ह़ाज़िर हुवे । तो आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को रोता देख कर अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! मेरे मां-बाप आप पर क़ुरबान ! किस चीज़ ने आप को रुलाया ? ह़ालांकि आप के सदक़े तो अल्लाह करीम आप के अगलों और पिछलों के गुनाह बख़्शेगा । इरशाद फ़रमाया : क्या मैं शुक्र गुज़ार बन्दा न बनूं ?

 (درّۃ الناصحین ،المجلس الخامس والستون:فی بیان البکاء ، ص۲۵۳-۲۵۴)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! आप ने सुना कि हमारे बख़्शे बख़्शाए आक़ा, हम गुनाहगारों को बख़्शवाने वाले मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मा'सूम बल्कि मा'सूमों और इ़बादत गुज़ारों के सरदार होने के बा वुजूद किस क़दर गिर्या व ज़ारी के साथ अल्लाह पाक की इ़बादत किया करते, ह़ालांकि आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की शानो अ़ज़मत इस क़दर बुलन्दो बाला है कि अल्लाह पाक ने आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को मालिको मुख़्तार बनाया है, आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ, रब्बे करीम की अ़त़ा से अपने इख़्तियार से रोज़े मह़्शर बख़्शिश से ना उम्मीद होने वाले गुनहगारों की शफ़ाअ़त फ़रमाएंगे ।

        आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ अपनी शान बयान फ़रमाते हैं : (बरोज़े क़ियामत) सब से पहले मैं (अपने मज़ारे मुबारक से) बाहर तशरीफ़ लाऊंगा, जब लोग जमाअ़त की सूरत में आएंगे, तो मैं ही उन का राहनुमा हूंगा, जब वोह (क़ियामत की हौलनाकियों के सबब) ख़ामोश हो जाएंगे, तो मैं ही उन का ख़त़ीब (या'नी ख़ुत़्बा पढ़ने वाला) हूंगा, जब वोह रोके जाएंगे, तो मैं ही उन का सिफ़ारिश करने वाला हूंगा, जब वोह ना उम्मीद हो जाएंगे, तो मैं ही उन्हें ख़ुश ख़बरी सुनाने वाला हूंगा । बुज़ुर्गी और (अल्लाह पाक के) तमाम ख़ज़ानों की चाबियां उस दिन मेरे हाथों में होंगी और मैं औलादे आदम में अल्लाह पाक के नज़दीक सब से ज़ियादा बुज़ुर्गी वाला हूंगा, एक हज़ार ख़िदमत गुज़ार मेरे इर्द गिर्द होंगे । (دارمی،باب ما اعطی النبی من الفضل،۱/۳۹، حدیث:۴۸)