Book Name:Jawani Me Ibadat kay Fazail
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! नेकियों में दिल लगाने की कोशिश कीजिये और किसी गुनाह को छोटा समझ कर हरगिज़ न कीजिये क्यूंकि एक गुनाह कई बुराइयों का मजमूआ़ होता है, या'नी मज़ीद दस बुराइयां अपने साथ लाता है । जैसा कि :
अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर बिन ख़त़्त़ाब رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने फ़रमाया : गुनाह अगर्चे एक ही हो, अपने साथ दस बुरी ख़स्लतें ले कर आता है । (1) जब बन्दा गुनाह करता है, तो अल्लाह करीम को ग़ज़ब दिलाता है, ह़ालांकि वोह (रब्बे करीम) उस बन्दे पर (ग़ज़ब फ़रमाने की) क़ुदरत रखता है । (2) वोह (या'नी गुनाह करने वाला) इब्लीसे लई़न (या'नी शैत़ाने मल्ऊ़न) को ख़ुश करता है । (3) जन्नत से दूर हो जाता है । (4) जहन्नम के क़रीब आ जाता है । (5) वोह अपनी सब से प्यारी चीज़ या'नी अपनी जान को तक्लीफ़ देता है । (6) वोह अपने दिल को नापाक कर बैठता है, ह़ालांकि वोह पाक होता है । (7) वोह आ'माल लिखने वाले फ़िरिश्तों को तक्लीफ़ देता है । (8) वोह नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को उन के रौज़ए मुबारका में नाराज़ करता है । (9) ज़मीन व आसमान और तमाम मख़्लूक़ को (अपनी) ना फ़रमानी पर गवाह बना लेता है (10) वोह तमाम इन्सानों से ख़ियानत और रब्बे करीम की ना फ़रमानी करता है । (بحر الدموع،الفصل الثانی:عواقب المعصیۃ، ص۳۰-۳۱)
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! आप ने सुना कि गुनाह अगर्चे एक ही होता है मगर उस की वज्ह से इन्सान दस बुराइयों का शिकार हो जाता है । लिहाज़ा जब भी कोई गुनाह हो जाए, तो फ़ौरन रब्बे करीम की बारगाह में सच्ची तौबा कीजिये । अफ़्सोस ! सद अफ़्सोस ! बा'ज़ नादान इस्लामी बहनें फ़ानी दुन्या के धोके में मुब्तला हो कर लम्बी लम्बी उम्मीदें बांधे, ग़फ़्लत की चादर ताने, शरई़ अह़काम को पसे पुश्त डाल कर तौबा के मुआ़मले में मुसल्सल टाल मटोल से