Book Name:Aala Hazrat Ki Ibadat o Riazat
ऑडियो केसेटें जारी हुईं और फिर अल्लाह عَزَّوَجَلَّ के फ़ज़्लो करम और रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की नज़रे इ़नायत से ऐसी तरक़्क़ी नसीब हुई कि मक्तबतुल मदीना से जहां सुन्नतों भरे बयानात, मदनी मुज़ाकरों की लाखों लाख केसेटें और वीसीडीज़ (VCDs) दुन्या भर में पहुंच रही हैं, वहीं इमाम ग़ज़ाली رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ की किताबों का उर्दू तर्जमा, आ'ला ह़ज़रत व अमीरे अहले सुन्नत और अल मदीनतुल इ़ल्मिय्या की किताबें भी शाएअ़ कर के कसीर ता'दाद में अ़वाम के हाथों में पहुंचाई जा रही हैं ।
अल्लाह करम ऐसा करे तुझ पे जहां में
ऐ दा'वते इस्लामी तेरी धूम मची हो
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बयान को इख़्तिताम की त़रफ़ लाते हुवे मुत़ालआ करने के बारे में चन्द मदनी फूल सुनने की सआदत ह़ासिल करती हैं । पहले 2 फ़रामैने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मुलाह़ज़ा कीजिये :
- बेशक इ़ल्म सीखने से आता है । (بخاری،کتاب العلم،باب العلم قبل القول والعلم،۱/۴۱،حدیث:۶۷)
- दुन्या मल्ऊ़न है और अल्लाह पाक के ज़िक्र, उस के वली या'नी दोस्त और दीनी इ़ल्म पढ़ने और पढ़ाने वाले के सिवा इस की हर चीज़ भी मल्ऊ़न है । (تِرمِذی،کتاب الزہد،۴/۱۴۴،حدیث:۲۳۲۹)
٭ मुत़ालआ ईमान की मज़बूत़ी व पुख़्तगी का बाइ़स है । (मुत़ालआ क्या, क्यूं और कैसे ?, स. 16) ٭ मुत़ालआ से इ़ल्म बढ़ता है । (मुत़ालआ क्या, क्यूं और कैसे ?, स. 17) ٭ मुत़ालआ ह़ुसूले मा'रिफ़त का ज़रीआ है । (मुत़ालआ क्या, क्यूं और कैसे ?, स. 18) ٭ मुत़ालआ से काइनात में ग़ौरो फ़िक्र करने का ज़ेहन बनता है । (मुत़ालआ क्या, क्यूं और कैसे ?, स. 18) ٭ मुत़ालआ से अ़क़्ल व शुऊ़र में इज़ाफ़ा होता है । (मुत़ालआ क्या, क्यूं और कैसे ?, स. 19) ٭ मुत़ालआ इन्सान की दीनी व दुन्यावी दोनों तरक़्क़ियों का सबब बनता है । (मुत़ालआ क्या, क्यूं और कैसे ?, स. 19) ٭ मुत़ालआ त़बीअ़त में निशात़, निगाहों में तेज़ी और ज़ेहनो दिमाग़ को ताज़गी अ़त़ा करता है । (मुत़ालआ क्या, क्यूं और कैसे ?, स. 19, मुलख़्ख़सन) ٭ ऐसी कुतुब, रसाइल और