Book Name:Aala Hazrat Ki Ibadat o Riazat
। नेकी की दा'वत देना तो ऐसा अहम फ़रीज़ा है कि तमाम ही अम्बियाए किराम عَلَیْہِمُ السَّلَام बल्कि ख़ुद सय्यिदुल अम्बिया, मह़बूबे ख़ुदा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को इसी मक़्सद के लिये दुन्या में भेजा गया ।
اَلْحَمْدُلِلّٰہ عَزَّوَجَلَّ इस मदनी काम के बे शुमार दीनी व दुन्यवी फ़वाइद (Benefits) हैं । ٭ मदनी दौरे की बरकत से प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की नेकी की दा'वत देने वाली सुन्नत पर अ़मल हो जाता है । ٭ मदनी दौरे की बरकत से इस्लामी बहनों से मुलाक़ात व सलाम की सुन्नत आम होती है । ٭ मदनी दौरे की बरकत से इ़ल्मे दीन और नेकी की दा'वत से माला माल क़ीमती मदनी फूल उम्मते मुस्लिमा तक पहुंचाए जाते हैं । ٭ मदनी दौरे की बरकत से बे नमाज़ियों को नमाज़ी बनाने में बहुत मदद ह़ासिल होती है । ٭ मदनी दौरे की बरकत से दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल की तश्हीर व नेक नामी होती है । लिहाज़ा आप भी मदनी कामों की ख़ूब ख़ूब धूमें मचाइये और दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से हर दम वाबस्ता रहिये ।
आइये ! दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्तगी की एक मदनी बहार मुलाह़ज़ा कीजिये । चुनान्चे,
मुल्के मुर्शिद में मुक़ीम एक इस्लामी बहन दा'वते इस्लामी के मुश्कबार मदनी माह़ोल से वाबस्ता होने से पहले नित नए फै़शन अपनाने, गाने बाजे सुनने और बे पर्दगी जैसे गुनाहों में गिरिफ़्तार थीं नीज़ ग़ुस्सा और चिड़चिड़ापन भी उन की आदात में शामिल था । उन की ज़िन्दगी में मदनी इन्क़िलाब कुछ यूं बरपा हुवा कि एक दिन दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता एक इस्लामी बहन ने उन्हें नेकी की दा'वत दी और इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे दा'वते इस्लामी के तह़्त होने वाले इस्लामी बहनों के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत का ज़ेहन दिया । उन की ज़बान में ऐसी तासीर थी कि वोह इन्कार न कर सकीं और दा'वते इस्लामी के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में जा पहुंचीं । तिलावत व ना'त शरीफ़ के बा'द होने वाला सुन्नतों