Gunahon Ki Nahosat

Book Name:Gunahon Ki Nahosat

अगर आप को भी दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल के ज़रीए़ कोई मदनी बहार या बरकत मिली हो, तो आख़िर में मदनी बहार मक्तब पर जम्अ़ करवा दें ।

मजलिसे मक्तूबातो ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या

          मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! اَلْحَمْدُلِلّٰہ عَزَّوَجَلَّ आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी कमो बेश 104 शो'बाजात में दीने मतीन की ख़िदमत में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक "मजलिसे मक्तूबातो ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या" भी है जो मरीज़ों और परेशान ह़ालों की ख़ैर ख़्वाही में मसरूफे़ अ़मल है । इस मजलिस की त़रफ़ से हर माह (Month) तक़रीबन 125000 बीमारों और परेशान ह़ाल लोगों में कमो बेश 4 लाख से ज़ाइद ता'वीज़ात व अवरादे अ़त़्त़ारिय्या रिज़ाए इलाही के लिये बिल्कुल मुफ़्त तक़्सीम किये जाते हैं । याद रहे ! ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या (या'नी अमीरे अहले सुन्नत की त़रफ़ से इजाज़त शुदा ता'वीज़ात) की बरकतें फ़क़त़ किसी मख़्सूस अ़लाके़ तक ही मह़दूद नहीं बल्कि रोज़ाना हज़ारों मरीज़ों को ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या फ़ी सबीलिल्लाह दिये जाते हैं ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                 صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! हमें चाहिये कि दुन्या के खेल तमाशों में वक़्त बरबाद करने के बजाए अल्लाह पाक की रिज़ा व ख़ुशनूदी पाने के लिये ज़ियादा से ज़ियादा नेक आ'माल करें क्यूंकि हमें येह ज़िन्दगी खेल कूद और तफ़रीह़ के लिये नहीं बल्कि ऐसे काम करने के लिये दी गई है जिन की बजा आवरी से रिज़ाए रब्बुल अनाम ह़ासिल हो । चुनान्चे,

          फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : बेशक दुन्या मीठी और सर सब्ज़ है और अल्लाह पाक इस (दुन्या) की तुम को ख़िलाफ़त देने वाला है, पस देखता है कि तुम कैसे अ़मल करते हो ।  (ابن ماجہ،کتاب الفتن ،باب فتنۃ النساء،ج۴ص۳۵۷حدیث ۴۰۰۰)