Gunahon Ki Nahosat

Book Name:Gunahon Ki Nahosat

घर दर्स शुरूअ़ कर दिया

          अ़त़्त़ारवाला की एक इस्लामी बहन जहालत की तारीकियों में डूबी हुई थी, शरई़ पर्दे का भी कोई ज़ेहन न था । ख़ुश क़िस्मती से किसी ने उन्हें शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की मश्हूरे ज़माना तालीफ़ "फै़ज़ाने सुन्नत" तोह़फ़तन पेश की । इस के चीदा चीदा मक़ामात का मुत़ालआ करने से उन्हें अन्दाज़ा हो गया कि येह इन्तिहाई दिलचस्प और मा'लूमाती किताब है । चुनान्चे, इस के बा'द उन का रोज़ाना का मा'मूल बन गया कि फै़ज़ाने सुन्नत के कुछ न कुछ सफ़ह़ात का न सिर्फ़ मुत़ालआ करतीं बल्कि अपने दादाजान को भी सुनातीं जिसे वोह बड़ी यक्सूई से सुनते ।

اَلْحَمْدُلِلّٰہ عَزَّوَجَلَّ कुछ अ़र्से बा'द रमज़ानुल मुबारक के आख़िरी दस दिन का ए'तिकाफ़ मस्जिदे बैत में करने की सआदत ह़ासिल हुई और उन्हों ने दौराने ए'तिकाफ़ अव्वल ता आख़िर फै़ज़ाने सुन्नत पढ़ने की निय्यत कर ली । जब नवाफ़िल व तिलावत से फ़राग़त पातीं, तो फै़ज़ाने सुन्नत के मुत़ालए़ में

मसरूफ़ हो जातीं और साथ साथ अपना मुह़ासबा भी करती जातीं । अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ से बैअ़त की सआदत तो पहले ही ह़ासिल कर चुकी थीं, अब उन की पुर तासीर तह़रीर पढ़ने से नेकियां करने और गुनाहों से बचने का ज़ेहन भी बना । इसी जज़्बे के तह़त उन्हों ने पाबन्दी से घर दर्स शुरूअ़ कर दिया, जिस की बरकत से आहिस्ता आहिस्ता घर में मदनी माह़ोल क़ाइम होने लगा, टीवी की नुह़ूसत से जान छूटी, नमाज़ों की पाबन्दी और शरई़ पर्दे का ज़ेहन बना और यूं اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّ  وَجَلَّ उन के घर के तमाम अफ़राद दा'वते इस्लामी से वाबस्ता हो कर सुन्नतों के सांचे में ढल गए । अल्लाह عَزَّ  وَجَلَّ का ऐसा करम हुवा कि उन की शादी भी दा'वते इस्लामी के एक मुबल्लिग़ से निहायत सादगी से हुई, वलीमे की रात इजतिमाए़ ज़िक्रो ना'त का इनए़क़ाद भी हुवा ।

अल्लाह عَزَّ  وَجَلَّ की अमीरे अहले सुन्नत पर रह़मत हो और

इन के सदके़ हमारी मग़फ़िरत हो ।