Book Name:Gunahon Ki Nahosat
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बयान को इख़्तिताम की त़रफ़ लाते हुवे सुन्नत की फ़ज़ीलत और चन्द सुन्नतें और आदाब बयान करने की सआदत ह़ासिल करती हूं । ताजदारे रिसालत, शहनशाहे नुबुव्वत, मुस्त़फ़ा जाने रह़मत, शमए़ बज़्मे हिदायत, नौशए बज़्मे जन्नत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने जन्नत निशान है : जिस ने मेरी सुन्नत से मह़ब्बत की, उस ने मुझ से मह़ब्बत की और जिस ने मुझ से मह़ब्बत की, वोह जन्नत में मेरे साथ होगा ।
(مِشْکاۃُ الْمَصابِیح ،ج۱ ص۵۵ حدیث ۱۷۵ دارالکتب العلمیۃ بیروت )
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
ता'ज़ीमे सादात के मदनी फूल
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! आइये ! ता'ज़ीमे सादात के बारे में चन्द मदनी फूल सुनने की सआदत ह़ासिल करती हैं । पहले 2 फ़रामैने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मुलाह़ज़ा कीजिये । (1) फ़रमाया : जो मेरे अहले बैत में से किसी के साथ अच्छा सुलूक करेगा, मैं रोज़े क़ियामत इस का बदला उसे अ़त़ा फ़रमाऊंगा । (جامع صغیر، ص۵۳۳، حدیث:۸۸۲۱) (2) फ़रमाया : जो शख़्स औलादे अ़ब्दुल मुत्त़लिब में से किसी के साथ दुन्या में नेकी (या'नी भलाई) करे, उस का बदला देना मुझ पर लाज़िम है जब वोह रोज़े क़ियामत मुझ से मिलेगा ।
(تاریخ بغداد، ۱۰/ ۱۰۲،حدیث:۵۲۲۱) ٭ सादाते किराम की ता'ज़ीम फ़र्ज़ है और उन की तौहीन ह़राम । (कुफ्रि़य्या कलिमात के बारे में सुवाल जवाब, स. 277) ٭ सादाते किराम की ता'ज़ीमो तकरीम की अस्ल वज्ह येही है कि येह ह़ज़रात, रसूले काइनात صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के जिस्मे अत़्हर का टुक्ड़ा हैं । (सादाते किराम की अ़ज़मत, स. 7)