Gunahon Ki Nahosat

Book Name:Gunahon Ki Nahosat

औलियाए किराम رَحِمَہُمُ اللہُ السَّلَام पैदा फ़रमाता है जो अपनी मोमिनाना ह़िक्मत व फ़िरासत के ज़रीए़ लोगों को येह जे़हन देने की कोशिश फ़रमाते हैं कि "मुझे अपनी और सारी दुन्या के लोगों की इस्लाह़ की कोशिश करनी है, اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ  وَجَلَّ ।"

       फ़ी ज़माना मुर्शिदे कामिल की एक मिसाल शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार, क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ हैं जिन की निगाहे विलायत ने लाखों मुसलमानों बिल ख़ुसूस नौजवानों की ज़िन्दगियों में मदनी इन्कि़लाब बरपा कर दिया । जो इस्लामी भाई किसी के मुरीद न हों, उन की

ख़िदमत में मशवरतन अ़र्ज़ है कि अपनी दुन्या व आख़िरत की बेहतरी के लिये इस ज़माने के सिलसिलए आलिय्या क़ादिरिय्या रज़विय्या के अ़ज़ीम बुज़ुर्ग और अ़ज़ीम इ़ल्मी व रूह़ानी शख़्सिय्यत, शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के मुरीद हो जाएं । यक़ीनन मुरीद होने में नुक़्सान का कोई पहलू ही नहीं, दोनों जहां में اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ  وَجَلَّ फ़ाइदा ही फ़ाइदा है । क्या ख़बर कि कब इन की एक नज़र हम पर पड़ जाए और हमारे ज़ाहिरो बात़िन के सब मैल और क़ल्बो फ़िक्र की तमाम सियाहियां धो डाले ।

          याद रखिये ! किसी शख़्स को हर वक़्त गुनाहों में मुब्तला रहता देख कर उस के बारे में हरगिज़ हरगिज़ येह कहने की इजाज़त नहीं होगी कि उस के दिल पर मोहर लग गई या उस का दिल सियाह हो गया, जभी नेकी की दा'वत उस पर असर नहीं करती । यक़ीनन अल्लाह पाक इस बात पर क़ादिर है कि उसे तौबा की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमा दे जिस से वोह राहे रास्त पर आ जाए, इस लिये किसी की टोह में पड़ने के बजाए अपने ज़ाहिरो बात़िन को संवारने की कोशिश की जाए । अल्लाह करीम हमारे दिल की सियाही को दूर फ़रमाए ।

 اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!        صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد