Hajj Kay Fazail or Is Kay Ahkamaat

Book Name:Hajj Kay Fazail or Is Kay Ahkamaat

ज़ैली ह़ल्के़ के 12 दीनी कामों में से रोज़ाना के 5 दीनी काम येह हैं : (1) नमाज़े फ़ज्र के लिए जगाना (2) बादे फ़ज्र तफ़्सीर सुनने, सुनाने का ह़ल्क़ा (3) मदनी दर्स (4) इनफ़िरादी कोशिश (5) मद्रसतुल मदीना बालिग़ान में शिर्कत । इसी त़रह़ हफ़्तावार भी 5 दीनी काम हैं : (1) हफ़्तावार इजतिमाअ़ में अव्वल ता आख़िर शिर्कत (2) यौमे तात़ील एतिकाफ़ (3) हफ़्तावार मदनी मुज़ाकरा (4) हफ़्तावार रिसाला (5) अ़लाक़ाई दौरे में शिर्कत । इस के साथ साथ माहाना 2 दीनी काम : (1) नेक आमाल रिसाला और (2) मदनी क़ाफ़िले में आ़शिक़ाने रसूल के साथ सफ़र का मामूल बना लीजिए, اِنْ شَآءَ اللّٰہ ज़िन्दगी में मदनी इन्क़िलाब बरपा हो जाएगा । आइए ! तरग़ीब के लिए एक वाक़िआ़ सुनते हैं ।

6 साल पुराना मरज़ दूर हो गया

          एक इस्लामी भाई के बयान का ख़ुलासा है : मेरी हमशीरा जो कि  6 साल से इन्तिहाई तक्लीफ़ देह मरज़ एग्ज़ीमा (Eczema, जिल्द की एक बीमारी जिस में हाथ या पाउं की जिल्द सुर्ख़ हो जाती है और उस पर सुर्ख़ बारीक बारीक रेस्ने वाली फुन्सियां पैदा हो जाती हैं और उन फुन्सियों में सख़्त खुजली और जलन होती रेहती है) में मुब्तला थीं, बहुत इ़लाज करवाया लेकिन बीमारी ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी, जिस की वज्ह से रोज़ बरोज़ परेशानी में इज़ाफ़ा होता जा रहा था । इसी दौरान मेरी मुलाक़ात अपने अ़लाके़ के एक मुबल्लिग़े दावते इस्लामी से हुई । मैं ने अपनी परेशानी का ज़िक्र किया, तो उन्हों ने मदनी क़ाफ़िले के वाक़िआ़त बयान करते हुवे कहा कि जो मुसलमान ख़ैर की निय्यत से राहे ख़ुदा में सफ़र इख़्तियार करता है, अल्लाह पाक उस को भलाई अ़त़ा फ़रमा देता है, अगर कोई घरेलू नाचाक़ियों, परेशानियों से नजात और बीमारियों से शिफ़ा पाने के इरादे से राहे ख़ुदा में  सफ़र करता है, तो अल्लाह पाक अपने फ़ज़्लो करम से उस की दिली मुराद को पूरा फ़रमा देता है, लिहाज़ा आप भी आ़शिक़ाने रसूल के साथ मदनी क़ाफ़िले में सफ़र कर के अपनी बहन की शिफ़ायाबी के लिए दुआ़ कीजिए । मैं ने जब मदनी क़ाफ़िले की बरकात सुनीं, तो उम्मीद की किरन नज़र आने लगी, इस लिए मैं ने हाथों हाथ न सिर्फ़ मदनी क़ाफ़िले में सफ़र की निय्यत कर ली बल्कि अख़राजात भी जम्अ़ करवा दिए । اَلْحَمْدُلِلّٰہ इस की बरकत हाथों हाथ यूं ज़ाहिर हुई कि मेरी बहन दिन बदिन सेह़तयाब होने लगी और कुछ ही अ़र्से में अल्लाह पाक के फ़ज़्लो करम से उन्हें 6 साला पुराने मूज़ी मरज़ (एग्ज़ीमा) से नजात मिल गई । अल्लाह पाक की अमीरे अहले सुन्नत पर रह़मत हो और उन के सदके़ हमारी मग़फ़िरत हो ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

सफ़र करने की सुन्नतें और आदाब

       प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आइए ! अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرَکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "अबू जह्ल की मौत" सफ़ह़ा नम्बर 21 से सफ़र करने की सुन्नतें और आदाब सुनने की सआ़दत ह़ासिल