Book Name:Moasharay Ki Islah
का एक मख़्सूस आला था जिसे वोह बैठे शख़्स के एक जबड़े में डाल कर उसे गुद्दी तक चीर देता फिर उसे निकाल कर दूसरे जबड़े में डाल कर चीरता, इतने में पेहले वाला जबड़ा अपनी अस्ली ह़ालत पर लौट आता । मैं ने लाने वाले शख़्स से पूछा : येह क्या है ? उस ने कहा : येह झूटा शख़्स है, इसे क़ियामत तक क़ब्र में येही अ़ज़ाब दिया जाता रहेगा । (مساویٔ الاخلاق للخرائطی،باب ماجاء فی الکذب … الخ ، ص۷۶،حدیث : ۱۳۱) मश्हूर बुज़ुर्ग, ह़ज़रते ह़ातिमे असम बल्ख़ी رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : हमें येह बात पहुंची है कि झूटा दोज़ख़ में कुत्ते की शक्ल में बदल जाएगा । (تنبیہ المغترین، ص: ۱۹۴)
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! ज़रा ग़ौर कीजिए ! दुन्या में दाढ़ का दर्द न सेह सकने वाला, आख़िरत में जबड़े चीरे जाने पर होने वाली तक्लीफ़ किस त़रह़ बरदाश्त कर सकेगा ? दुन्या में एक मच्छर के काट लेने पर बे क़रार हो जाने वाला, झूट बोलने की वज्ह से क़ब्र में होने वाले अ़ज़ाब को किस त़रह़ सेह सकेगा ? लिहाज़ा इस बुरी आ़दत से जल्द ही पीछा छुड़ा लेना चाहिए । अगर मुआ़शरे का हर फ़र्द झूट बोलने से तौबा कर ले, तो यक़ीनन बहुत ह़द तक मुआ़शरे की इस्लाह़ हो जाएगी । اِنْ شَآءَ اللّٰہ
दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइए !
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! हर त़रह़ के गुनाहों ख़ुसूसन झूट से बचने और सच की आ़दत बनाने के लिए आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइए । याद रखिए ! अच्छी सोह़बत मुआ़शरे के गिरे हुवे फ़र्द को उठा कर तरक़्क़ी की मन्ज़िलों पर पहुंचा देती है, इस की हज़ारों मिसालें आप को आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल में अपनी आंखों से नज़र आएंगी । जी हां ! कल के बे नमाज़ी आज न सिर्फ़ ख़ुद नमाज़ पढ़ते हैं बल्कि दूसरों को भी मस्जिद भरो तह़रीक का ह़िस्सा बनाने के लिए नमाज़ की दावत देते हैं बल्कि ऐसे कई इमामत के मुसल्ले पर नज़र आएंगे जो आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल का फै़ज़ान मिलने से पेहले ऐसे नहीं थे बल्कि इस मदनी माह़ोल ने उन की क़िस्मत का सितारा चमका दिया । इस त़रह़ आप ग़ौर करते जाएं, बहारें ही बहारें नज़र आएंगी । अल्लाह पाक हमें ह़क़ीक़ी मानों में पक्का सच्चा बा अ़मल मुसलमान बनाए, आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो कर आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत मे रेहने वाला, अल्लाह पाक और उस के मह़बूब صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की मेहरबानी से मामूली पथ्थर भी "अनमोल हीरा" बन कर ख़ूब जगमगाता है । (पर्दे के बारे में सुवाल जवाब, स. 109)
लिहाज़ा झूट, ग़ीबत, चुग़ली, फ़िल्में, ड्रामे देखने, दिखाने, गाने, बाजे सुनने, सुनाने जैसी बुरी आ़दतों से पीछा छुड़ाने के लिए इस मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो कर