Book Name:Moasharay Ki Islah
मुआ़शरे की इस्लाह़ के मुक़द्दस जज़्बे के तह़त लोगों को बुराई से रोकने की कुढ़न कूट कूट कर भरी हुई है, आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ उम्मते मुस्लिमा को नमाज़, रोज़े का पाबन्द बनाने, सुन्नतें सीखने, सिखाने, नेकियों का जज़्बा दिलाने, गुनाहों से बचने का ज़ेहन बनाने के लिए इनफ़िरादी व इजतिमाई़ कोशिशें जारी रखे हुवे हैं, आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ न सिर्फ़ ख़ुद इस्तिक़ामत के साथ नेकी की दावत आ़म करने में मसरूफ़ हैं बल्कि वक़्तन फ़ वक़्तन इस्लामी भाइयों को भी अपनी और सारी दुन्या के लोगों की इस्लाह़ की कोशिश करने का ज़ेहन देते हैं । इस मक़्सद को दुन्या के कोने कोने में आ़म करने के लिए आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी की बुन्याद रखी और इस में ज़िन्दगी के तक़रीबन हर शोबे से वाबस्ता लोगों की इस्लाह़ के लिए कई शोबाजात क़ाइम फ़रमाए हैं । आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ अपनी किताबों और रसाइल के ज़रीए़ भी नेकी की दावत की ख़ूब ख़ूब धूमें मचा रहे हैं, आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की तह़रीरों की बरकत से लाखों मुसलमान बिल ख़ुसूस नौजवानों की ज़िन्दगियों में मदनी इन्क़िलाब आ गया और वोह जुर्म व गुनाह की दुन्या को छोड़ कर सीधी राह पर आ गए । अगर हम भी नेकी की दावत देने और दूसरों को बुराई से रोकने का ज़ेहन रखते हैं, अगर हम भी अपने मुआ़शरे को अमनो सुकून का गेहवारा बनाना चाहते हैं, तो आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाएं, दूसरों को भी इस से वाबस्ता करें, ख़ुद भी मदनी इनआ़मात पर अ़मल करें, दूसरों को भी अ़मल की तरग़ीब दिलाइए, ख़ुद भी हर माह तीन दिन के क़ाफ़िले में सफ़र कीजिए और दूसरों को भी सफ़र करवाइए ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
﴾3﴿...मुआ़शरे के मुख़्तलिफ़ गुनाह
ग़ीबत
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! मुआ़शरे में पाए जाने वाले गुनाहों में से एक ग़ीबत भी है, जो मुआ़शरे की तबाही का सबब बन रही है । इन्सान के किसी ऐसे ऐ़ब का ज़िक्र करना जो उस में मौजूद हो "ग़ीबत" केहलाता है । ग़ीबत की नुह़ूसत में से येह भी है कि येह बुरे ख़ातिमे का सबब है, कसरत से ग़ीबत करने वाले की दुआ़ क़बूल नहीं होती, ग़ीबत से नमाज़, रोज़े की नूरानिय्यत चली जाती है ।
चुग़ली
इसी त़रह़ चुग़ली का भी मुआ़शरे की तबाही में बड़ा बुरा किरदार है । लोगों में फूट डलवाने के लिए उन की बातें एक दूसरे तक पहुंचाना "चुग़ली" केहलाता है । (شرح