Faizan-e-Ashabe Suffah

Book Name:Faizan-e-Ashabe Suffah

क़सम उस ज़ात की जिस ने आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को ह़क़ के साथ भेजा है ! अब मज़ीद गुन्जाइश नहीं फ़रमाया : मुझे दिखाओ मैं ने पियाला पेश कर दिया आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अल्लाह पाक की तारीफ़ बयान की, बिस्मिल्लाह शरीफ़ पढ़ी और बाक़ी दूध पी लिया ( بخاری،کتاب الرقاق باب کیف کان عیش النبی۔۔۔الخ۴ /۲۳۴، حدیث:۶۴۵۲)

देने वाला है सच्चा हमारा नबी !

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! बयान कर्दा वाक़िए़ से मालूम हुवा ! ह़ुज़ूरे अन्वर, शाफे़ए़ मह़शर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मालिको मुख़्तार हैं, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के पास बे शुमार इख़्तियारात हैं येह भी मालूम हुवा ! नबिय्ये करीम, रऊफ़ुर्रह़ीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से बड़ा कोई सख़ावत करने वाला नहीं, दूध का सिर्फ़ एक ही पियाला था, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ख़ुद ही उसे इस्तिमाल फ़रमा सकते थे मगर येह गवारा हुवा बल्कि रसूले हाशिमी, मक्की मदनी صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने सुफ़्फ़ा वालों को बुला कर उन्हें भी और ह़ज़रते अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को भी दूध पिला कर अपनी सख़ावत के दरया बहा दिए ऐसा क्यूं हो कि हमारे आक़ा, दो आ़लम के दाता صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ तमाम बनी आदम में सब से बढ़ कर सख़ी हैं जैसा कि :

          ह़ज़रते अनस बिन मालिक رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है कि एक बार रसूले ख़ुदा, मक्की मदनी आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : क्या तुम लोग जानते हो कि सब से बड़ा सख़ावत करने वाला कौन है ? सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان ने अ़र्ज़ की : अल्लाह पाक और उस का रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ बेहतर जानते हैं तो आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : अल्लाह पाक सब से बढ़ कर जव्वाद है फिर तमाम औलादे आदम में सब से बढ़ कर सख़ावत करने वाला मैं हूं (شعب الایمان،الثامن عشر ،باب فی نشر العلم، ۲/۲۸۱، حدیث:۱۷۶۷ملتقطا)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

ह़ज़रते अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का मुख़्तसर तआ़रुफ़

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! इस वाक़िए़ में ह़ज़रते अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का भी ज़िक्र है और साथ में दीगर अस्ह़ाबे सुफ़्फ़ा का भी तज़किरा है प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सोह़बत का शरफ़ पाने वाले रौशन सितारों में

े एक ह़ज़रते अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ भी हैं । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ 7 हिजरी फ़त्ह़े ख़ैबर के साल ईमान लाए । ग़ालिबन आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ का नाम "अ़ब्दुर्रह़मान बिन सख़्र दौसी तमीमी" है । एक बार मदीने के ताजदार صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ह़ज़रते अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ की आस्तीन (Sleeve) में छोटी बिल्ली (Cat) देखी, तो फ़रमाया : "या अबा हुरैरा !" यानी ऐ छोटी बिल्ली वाले ! तब से आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ "अबू हुरैरा" की कुन्यत से मश्हूर हो गए । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की कसीर अह़ादीस रिवायत कीं जिन की तादाद पांच हज़ार तीन सौ चौहत्तर है । (عمدۃ