Museebaton Per Sabr Ka Zehin Kaisey Banay

Book Name:Museebaton Per Sabr Ka Zehin Kaisey Banay

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! اِنْ شَآءَ اللہ आज के इस हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में हम मुसीबतों पर सब्र के तअ़ल्लुक़ से नसीह़त के मदनी फूलों से आरास्ता वाक़िआ़त व ह़िकायात, अह़ादीस और दीगर अहम मदनी फूल सुनेंगे । आइये ! पहले एक ईमान अफ़रोज़ वाक़िआ़ सुनते हैं । चुनान्चे,

ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام का इम्तिह़ान

          ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام, ह़ज़रते सय्यिदुना इस्ह़ाक़ عَلَیْہِ السَّلَام की औलाद में से हैं । आप عَلَیْہِ السَّلَام की वालिदा ह़ज़रते सय्यिदुना लूत़ عَلَیْہِ السَّلَام के ख़ानदान से हैं । अल्लाह पाक ने आप عَلَیْہِ السَّلَام को हर त़रह़ की ने'मतें अ़त़ा फ़रमाई थीं । सूरत का ह़ुस्न, औलाद की कसरत और माल की कुशादगी भी अ़त़ा हुई थी । अल्लाह करीम ने आप عَلَیْہِ السَّلَام को आज़माइश में मुब्तला किया । चुनान्चे, आप عَلَیْہِ السَّلَام की औलाद मकान गिरने से दब कर मर गई, तमाम जानवर जिस में हज़ारहा ऊंट और बकरियां थीं, सब मर गए, तमाम खेतियां और बाग़ात बरबाद हो गए, ह़त्ता कि कुछ भी बाक़ी न रहा । जब आप عَلَیْہِ السَّلَام को इन चीज़ों के हलाक और ज़ाएअ़ होने की ख़बर दी जाती थी, तो आप عَلَیْہِ السَّلَام अल्लाह करीम की ह़म्द बजा लाते और फ़रमाते थे : मेरा क्या है ! जिस का था, उस ने ले लिया, जब तक उस ने मुझे दे रखा था, मेरे पास था, जब उस ने चाहा, ले लिया, उस का शुक्र अदा हो ही नहीं सकता और मैं उस की मर्ज़ी पर राज़ी हूं । इस के बा'द आप عَلَیْہِ السَّلَام बीमार हो गए, तमाम जिस्म शरीफ़ में आबले पड़ गए और बदन मुबारक सब का सब ज़ख़्मों से भर गया । इस ह़ाल में सब लोगों ने छोड़ दिया, अलबत्ता आप عَلَیْہِ السَّلَام की ज़ौजए मोह़्तरमा, रह़मत बिन्ते अफ़राईम ने न छोड़ा और वोह आप عَلَیْہِ السَّلَام की ख़िदमत करती रहीं । आप عَلَیْہِ السَّلَام की येह ह़ालत कई साल रही, आख़िरे कार कोई ऐसा सबब पेश आया कि आप عَلَیْہِ السَّلَام ने बारगाहे इलाही में दुआ़ की : ऐ मेरे रब्बे करीम ! बेशक मुझे तक्लीफ़ पहुंची है और तू सब रह़म करने वालों से बढ़ कर रह़म करने वाला है । (خازن،الانبیاء،تحت الآیۃ:۸۳،۳/۲۸۶-۲۸۸،ملخصاً)

          अल्लाह पाक ने ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام की दुआ़ क़बूल फ़रमा ली और उन्हें जो तक्लीफ़ थी वोह इस त़रह़ दूर कर दी कि ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام से फ़रमाया : आप ज़मीन में पाउं मारिये । उन्हों ने पाउं मारा, तो एक चश्मा ज़ाहिर हुवा । आप عَلَیْہِ السَّلَام को ह़ुक्म दिया गया कि इस से ग़ुस्ल कीजिये । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने ग़ुस्ल किया, तो ज़ाहिरे बदन की तमाम बीमारियां दूर हो गईं फिर आप عَلَیْہِ السَّلَام चालीस क़दम चले फिर दोबारा ज़मीन में पाउं मारने का ह़ुक्म हुवा । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने फिर पाउं मारा, तो उस से भी एक चश्मा ज़ाहिर हुवा जिस का पानी इन्तिहाई ठन्डा था । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने अल्लाह करीम के ह़ुक्म से उस पानी को पिया, तो उस से बदन के अन्दर की तमाम बीमारियां दूर हो गईं और आप عَلَیْہِ السَّلَام को आ'ला दरजे की सिह़्ह़त ह़ासिल हुई । अल्लाह करीम ने ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام पर येह अ़त़ा अपनी त़रफ़ से उन पर रह़मत फ़रमाने और इ़बादत गुज़ारों को नसीह़त करने के लिये फ़रमाई ताकि वोह इस वाक़िए़ से आज़माइशों