Book Name:Museebaton Per Sabr Ka Zehin Kaisey Banay
सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام की त़रफ़ ऐसी चीज़ों को मन्सूब न करें जिन से लोग नफ़रत करते हों और वोह मन्सबे नुबुव्वत के तक़ाज़ों के ख़िलाफ़ हो । (सिरात़ुल जिनान, 6 / 360)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि अल्लाह करीम के प्यारे नबी, ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام पर कैसी कैसी सख़्त आज़माइशें आईं मगर आप عَلَیْہِ السَّلَام ने रोने, धोने, चीख़ने, चिल्लाने, शिक्वे, शिकायात, बे सब्री और ना शुक्री करने की बजाए सब्रो रिज़ा का दामन थामे रखा और रब्बे करीम की रिज़ा पर राज़ी रहे । अफ़्सोस ! इ़ल्मे दीन से दूरी के बाइ़स अब हमारे मुआ़शरे में सब्र व बरदाश्त वाली मदनी सोच रखने वाले लोग बहुत कम नज़र आते हैं और गोया कि हर दूसरा इन्सान किसी न किसी ए'तिबार से बे सब्री में मुब्तला दिखाई देता है, मसलन इ़ल्मे दीन से दूरी की वज्ह से जवान बेटे या बेटी की मौत पर तो शायद इस क़दर बे सब्री दिखाई जाती है कि مَعَاذَ اللّٰہ कुफ़्रिय्या कलिमात तक भी बक दिये जाते हैं ।
٭ ऑप्रेशन (Operation) करवाया मगर नाकाम हो गया, तो बे सब्री । ٭ बीमारी आ गई, तो बे सब्री ٭ किसी की कोई चीज़ गुम हो गई, तो बे सब्री । ٭ बिजली चली गई, तो बे सब्री । ٭ पानी बन्द हो गया, तो बे सब्री । ٭ जनरेटर ख़राब हो गया, तो बे सब्री । ٭ गाहक कम हो गए, तो बे सब्री । ٭ तनख़ाह या कमेटी मिलने में ताख़ीर हो गई, तो बे सब्री । ٭ ट्रेफ़िक जाम हो गया, तो बे सब्री । ٭ गाड़ी पंक्चर हो गई, तो बे सब्री । ٭ खाने वग़ैरा में नमक, मिर्च कम या ज़ियादा हो गया, तो बे सब्री । ٭ कोई कड़वी चीज़ मुंह में आ गई, तो बे सब्री । ٭ ठन्डे या मीठे पानी की जगह सादा या खारा पानी मिला, तो बे सब्री । ٭ नाश्ता या खाना वक़्त पर न मिला, तो बे सब्री । ٭ गर्मी या सर्दी बढ़ गई, तो बे सब्री । ٭ रेल या जहाज़ वग़ैरा की टिकटें वक़्त पर नहीं मिलीं, तो बे सब्री । ٭ सुवारी नहीं मिल रही, तो बे सब्री । ٭ किसी ने लिफ़्ट नहीं दी, तो बे सब्री । ٭ बयान करने या ना'त पढ़ने का मौक़अ़ नहीं दिया गया, तो बे सब्री । ٭ किसी ने दिल दुखा दिया, तो बे सब्री । ٭ अच्छी नौकरी नहीं मिल रही, तो बे सब्री । ٭ अच्छा रिश्ता नहीं मिल रहा, तो बे सब्री । ٭ अच्छा मकान नहीं मिल रहा, तो बे सब्री । ٭ मोबाइल के सिगनल नहीं आ रहे या इन्टरनेट नहीं चल रहा, तो बे सब्री । ٭ किसी ने शादी, बियाह या वलीमे में नहीं बुलाया, तो बे सब्री । ٭ किसी ने बात सुन कर टाल दी, तो बे सब्री । ٭ फ़्रीज, मोबाइल, पानी की मोटर या इस्त्री वग़ैरा कोई चीज़ ख़राब हो गई, तो बे सब्री । ٭ किसी से क़र्ज़ा मांगा मगर न मिला या रक़म उधार दी, वापस न मिली, तो बे सब्री । ٭ किसी से पानी मांगा मगर उस ने मन्अ़ कर दिया, तो बे सब्री । ٭ मस्जिद से जूते चोरी हो गए, तो बे सब्री । ٭ जेब कट गई, तो बे सब्री । ٭ किसी की कॉल रीसीव न हुई, तो बे सब्री । ٭ किराए दार ने किराया देने में ताख़ीर कर दी, तो बे सब्री । ٭ किसी के यहां मेहमान बन कर गए और उस ने हमारी मर्ज़ी की मेहमान नवाज़ी न की, तो बे सब्री । ٭ बस वग़ैरा में भीड़ के सबब किसी ने पाउं दबा दिया, तो बे सब्री । ٭ कारोबार में नुक़्सान हो गया, तो बे सब्री । ٭ पाउं फिसल