Lalach Ka Anjaam

Book Name:Lalach Ka Anjaam

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम

"हफ़्तावार सुन्नतों भरा इजतिमाअ़"

          ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से हफ़्तावार एक मदनी काम "हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़" में शिर्कत भी है । ٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में तिलावत व ना'त और इ़ल्मे दीन से भरपूर सुन्नतों भरा इस्लाह़ी बयान सुनने, इजतिमाई़ त़ौर पर ज़िक्रुल्लाह करने और रिक़्क़त अंगेज़ दुआ़ में अपने गुनाहों से तौबा करने के साथ साथ बुरी सोह़बत से बचने और अच्छी सोह़बत इख़्तियार करने के मवाके़अ़ भी मिलते हैं । ٭ यक़ीनन अच्छी सोह़बत इख़्तियार करना और मिल कर अल्लाह करीम का ज़िक्र करना फ़ज़ीलत वाला अ़मल है ।

          फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : जब लोग किसी मजलिस में जम्अ़ हो कर अल्लाह करीम का ज़िक्र करते हैं फिर जब वोह फ़ारिग़ होते हैं, तो उन से कहा जाता है कि खड़े हो जाओ ! बेशक तुम्हारे गुनाहों को बख़्श दिया गया है और तुम्हारी बुराइयों को नेकियों से बदल दिया गया है ।

(شعب الایمان،باب فی محبۃ اللہ،۱/۴۵۴،حدیث: ۶۹۵)

          हफ़्तावार सुन्नतों भरा इजतिमाअ़ तिलावते क़ुरआन, ना'ते मुस्त़फ़ा, सुन्नतों भरे बयान, रिक़्क़त अंगेज़ दुआ़, ज़िक्रो दुरूद के मदनी फूलों और इ़ल्मे दीन के गुलदस्तों से सजा होता है । 12 मदनी कामों में से हफ़्तावार इस मदनी काम "हफ़्तावार इजतिमाअ़" की तफ़्सीली मा'लूमात जानने के लिये मक्तबतुल मदीना के रिसाले "हफ़्तावार इजतिमाअ़" का मुत़ालआ़ कीजिये । तमाम ज़िम्मेदाराने दा'वते इस्लामी, बिल ख़ुसूस हफ़्तावार इजतिमाअ़ की मजालिस के निगरान व अराकीन तो इस रिसाले का लाज़िमी मुत़ालआ़ फ़रमाएं । येह रिसाला मक्तबतुल मदीना पर दस्तयाब होने के साथ साथ दा'वते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से भी पढ़ा जा सकता है ।

          इस रिसाले के मुत़ालए़ की बरकत से आप जान सकेंगे : ٭ इजतिमाआ़त की अहम्मिय्यत । ٭ दा'वते इस्लामी और इजतिमाआ़त का एहतिमाम । ٭ हफ़्तावार इजतिमाअ़ क्या है ? ٭ इजतिमाअ़ का मुकम्मल जदवल । ٭ इजतिमाअ़ में शिर्कत करने के 13 फ़ज़ाइलो बरकात । ٭ हफ़्तावार इजतिमाअ़ से मुतअ़ल्लिक़ मर्कज़ी मजलिसे शूरा के मदनी मशवरों के मदनी फूल । ٭ ख़ैर ख़्वाह के 19 मदनी फूल । ٭ हफ़्तावार इजतिमाअ़ से मुतअ़ल्लिक़ एह़तियात़ों और मुफ़ीद मा'लूमात पर मुश्तमिल सुवाल जवाब । ٭ हफ़्तावार इजतिमाअ़ की शरई़ व तन्ज़ीमी एह़तियात़ें वग़ैरा । आइये ! तरग़ीब के लिये हफ़्तावार इजतिमाअ़ में शिर्कत की बरकत से दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता होने वाले एक आ़शिके़ रसूल की मदनी बहार सुनते हैं । चुनान्चे,