Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

Book Name:Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

वुज़ू ख़ाना और मस्जिद की छत पर गुफ़्तगू में मसरूफ़ इस्लामी भाइयों को नर्मी व शफ़्क़त से सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में शिर्कत करवाना, ज़रूरत के मुत़ाबिक़ मुनासिब मक़ामात पर पानी की सबील लगाना, मक्तबतुल मदीना के कुतुबो रसाइल की बस्ते पर फ़राहमी और बस्तों पर ग़ैर शरई़ व ग़ैर अख़्लाक़ी लिट्रेचर और ग़ैर मे'यारी खाने पीने की चीज़ों की फ़रोख़्त पर नज़र रखना, इजतिमाअ़ में आने वाले इस्लामी भाइयों की गाडि़यों के लिये पार्किंग का इन्तिज़ाम करना, जूते रखने के लिये चौकियां बना कर तरतीब से जूते रखना, हर बस्ते की जगह मख़्सूस करना बल्कि मुमकिना सूरत में पेना फ्लेक्स बेनर्ज़ या बोर्ड लगाना वग़ैरा इस मजलिस की ज़िम्मेदारियों में शामिल है । अल्लाह करीम "मजलिसे हफ़्तावार इजतिमाअ़" को मज़ीद तरक़्क़ियां अ़त़ा फ़रमाए ।

 اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

अंगूठी पहनने की सुन्नतें व आदाब

      मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बयान को इख़्तिताम की त़रफ़ लाते हुवे आइये ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "163 मदनी फूल" से अंगूठी पहनने की चन्द सुन्नतें और आदाब सुनते हैं । ٭ मर्द को सोने की अंगूठी पहनना ह़राम है । सुल्त़ाने दो जहान, रह़मते आ़लमिय्यान صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने सोने की अंगूठी पहनने से मन्अ़ फ़रमाया । (بخاری،۴ /۶۷ ، حدیث: ۶۳ ۸ ۵) ٭ (ना बालिग़) लड़के को सोने, चांदी का ज़ेवर पहनाना ह़राम है और जिस ने पहनाया, वोह गुनहगार होगा । (बहारे शरीअ़त, 3 / 428, دُرِّمُختارو رَدُّالْمُحتار،۹/۵۹۸) ٭ लोहे की अंगूठी जहन्नमियों का जे़वर है । (ترمذی، ۳/ ۳۰۵،حدیث:۱۷۹۲) ٭ मर्द के लिये वोही अंगूठी जाइज़ है जो मर्दों की अंगूठी की त़रह़ हो, या'नी सिर्फ़ एक नगीने की हो और अगर उस में (एक से ज़ियादा या) कई नगीने हों, तो अगर्चे वोह चांदी ही की हो, मर्द के लिये नाजाइज़ है । (رَدُّالْمُحتار،۹/۵۹۷)  ٭बिग़ैर नगीने की