Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

Book Name:Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat

तह़रीक दा'वते इस्लामी के तह़्त मुख़्तलिफ़ मसाजिद में कमो बेश 41 मिनट लगने वाले मद्रसतुल मदीना (बालिग़ान) में दाख़िला ले लीजिये, इस में ख़ुद भी क़ुरआने करीम सीखये और दूसरों को भी इस की तरग़ीब दिलाइये, हम से सीखने वाला जब जब तिलावत करेगा, तो हमें भी उस की तिलावत का सवाब मिलता रहेगा । हम ख़ुद भी सुन्नतों पर अ़मल करें और दूसरों को भी अ़मल पर आमादा करें, अगर हम ने किसी को एक सुन्नत सिखा दी, तो जब जब वोह उस सुन्नत पर अ़मल करेगा, हमें भी उस सुन्नत पर अ़मल करने वाले की त़रह़ सवाब मिलता रहेगा । اِنْ شَآءَ اللّٰہ

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

मजलिसे हफ़्तावार इजतिमाअ़

          मदनी दौरा और मदनी क़ाफ़िलों में सुन्नतों भरे सफ़र के ज़रीए़ अपनी और दूसरों की इस्लाह़ की ज़ोरदार मुहिम चला कर मुसलमानों को नेक बनाने की मशीन बन जाइये और आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता रहिये । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी दुन्या भर में कमो बेश 105 शो'बाजात में नेकी की दा'वत की धूमें मचा रही है, इन्ही में से एक शो'बा "मजलिसे हफ़्तावार इजतिमाअ़" भी है । मजलिसे हफ़्तावार इजतिमाअ़ उ़मूमन 3 से 5 अरकान पर मुश्तमिल होती है । क़ारी व ना'त ख़्वां और मुबल्लिग़ का जदवल बनाना, तिलावत व ना'त और बयान की पर्चियां बना कर मुतअ़ल्लिक़ा ज़िम्मेदार को कम अज़ कम 7 दिन पहले बताना, इजतिमाअ़ गाह बिल ख़ुसूस दाख़िली दरवाज़ों पर ह़िफ़ाज़त के पेशे नज़र ह़ारिसीन मुक़र्रर करना, स्पीकर, लाइट्सजनरेटर और UPS का मुनासिब इन्तिज़ाम करना, वुज़ू ख़ाना व इस्तिन्जा ख़ानों पर पानी वग़ैरा का इन्तिज़ाम करना, इजतिमाअ़ गाह और मस्जिद की सफ़ाई का ख़याल रखना, दरियां व चटाइयां बिछाना और इजतिमाअ़ के इख़्तिताम पर उठना, बस्तों,

तह़रीक दा'वते इस्लामी के तह़्त मुख़्तलिफ़ मसाजिद में कमो बेश 41 मिनट लगने वाले मद्रसतुल मदीना (बालिग़ान) में दाख़िला ले लीजिये, इस में ख़ुद भी क़ुरआने करीम सीखये और दूसरों को भी इस की तरग़ीब दिलाइये, हम से सीखने वाला जब जब तिलावत करेगा, तो हमें भी उस की तिलावत का सवाब मिलता रहेगा । हम ख़ुद भी सुन्नतों पर अ़मल करें और दूसरों को भी अ़मल पर आमादा करें, अगर हम ने किसी को एक सुन्नत सिखा दी, तो जब जब वोह उस सुन्नत पर अ़मल करेगा, हमें भी उस सुन्नत पर अ़मल करने वाले की त़रह़ सवाब मिलता रहेगा । اِنْ شَآءَ اللّٰہ

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

मजलिसे हफ़्तावार इजतिमाअ़

          मदनी दौरा और मदनी क़ाफ़िलों में सुन्नतों भरे सफ़र के ज़रीए़ अपनी और दूसरों की इस्लाह़ की ज़ोरदार मुहिम चला कर मुसलमानों को नेक बनाने की मशीन बन जाइये और आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता रहिये । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी दुन्या भर में कमो बेश 105 शो'बाजात में नेकी की दा'वत की धूमें मचा रही है, इन्ही में से एक शो'बा "मजलिसे हफ़्तावार इजतिमाअ़" भी है । मजलिसे हफ़्तावार इजतिमाअ़ उ़मूमन 3 से 5 अरकान पर मुश्तमिल होती है । क़ारी व ना'त ख़्वां और मुबल्लिग़ का जदवल बनाना, तिलावत व ना'त और बयान की पर्चियां बना कर मुतअ़ल्लिक़ा ज़िम्मेदार को कम अज़ कम 7 दिन पहले बताना, इजतिमाअ़ गाह बिल ख़ुसूस दाख़िली दरवाज़ों पर ह़िफ़ाज़त के पेशे नज़र ह़ारिसीन मुक़र्रर करना, स्पीकर, लाइट्सजनरेटर और UPS का मुनासिब इन्तिज़ाम करना, वुज़ू ख़ाना व इस्तिन्जा ख़ानों पर पानी वग़ैरा का इन्तिज़ाम करना, इजतिमाअ़ गाह और मस्जिद की सफ़ाई का ख़याल रखना, दरियां व चटाइयां बिछाना और इजतिमाअ़ के इख़्तिताम पर उठना, बस्तों,