Book Name:Bazurgan-e-Deen Ka Jazba-e-Islah-e-Ummat
दर्स (दर्से फै़ज़ाने सुन्नत) देने की ताकीद है । इस किताब को मक्तबतुल मदीना के बस्ते से हदिय्यतन त़लब फ़रमाइये, इसे ख़ुद भी पढ़िये और अपने दोस्तों को भी पढ़ने की तरग़ीब दिलाइये । दा'वते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से इस किताब को पढ़ा भी जा सकता है, डाउन लोड (Download) और प्रिन्ट आउट (Print Out) भी किया जा सकता है ।
शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की बयान कर्दा इन चन्द दीनी ख़िदमात के इ़लावा आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की अपनी इनफ़िरादी इ़बादात को क़ाइम रखना जिस में फ़राइज़ की पाबन्दी, नवाफ़िल मसलन तहज्जुद, इशराक़ व चाश्त व अव्वाबीन की अदाएगी के साथ साथ 12 माह अक्सर दिन नफ़्ल रोज़े रखने में इस्तिक़ामत, तिलावते क़ुरआन, सुन्नतों और मुस्तह़ब्बात पर अ़मल अपनी मिसाल आप है । आप دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की इन्ही सलाह़िय्यतों, कोशिशों और उम्मते मह़बूब की अ़ज़ीम ख़ैर ख़्वाही के जज़्बे को आ़शिक़ाने रसूल इस अन्दाज़ से याद करते हैं :
हैं शरीअ़त और त़रीक़त की ह़सीं तस्वीर जो
ज़ोह्दो तक़्वा के नज़्ज़ारे ह़ज़रते अ़त़्त़ार हैं
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
12 मदनी कामों में से एक मदनी काम
"हफ़्तावार सुन्नतों भरा इजतिमाअ़"
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! अभी हम ने शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की दीनी ख़िदमात के बारे में सुना, जिसे सुन कर हमारे दिल में भी नेकी की दा'वत की धूमें मचाने और ख़िदमते दीन का जज़्बा पैदा हुवा होगा या मज़ीद बढ़ा होगा । इस मदनी जज़्बे को मज़ीद बढ़ाने के लिये आइये ! हम भी आ़शिक़ाने रसूल की मदनी