Book Name:Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail
आइये ! अब सय्यिदा ख़ातूने जन्नत رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا के ज़ौके़ तिलावत के मुतअ़ल्लिक़ सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان के फ़रामीन सुनने की सआ़दत ह़ासिल करते हैं । चुनान्चे,
ह़ज़रते सय्यिदुना सलमान फ़ारसी رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ फ़रमाते हैं : मैं एक मरतबा नबिय्ये पाक صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के ह़ुक्म से सय्यिदा फ़ात़िमा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا की ख़िदमत में ह़ाज़िर हुवा । मैं ने देखा कि ह़ज़राते ह़-सनैने करीमैन رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھُمَا सो रहे थे, आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا उन को पंखा झल रही थीं और ज़बान से कलामे इलाही की तिलावत जारी थी, येह देख कर मुझ पर एक ख़ास ह़ालते रिक़्क़त त़ारी हुई । (सफ़ीनए नूह़, ह़िस्सा दुवुम, स. 35)
अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना अ़लिय्युल मुर्तज़ा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ फ़रमाते हैं : सय्यिदा ख़ातूने जन्नत رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا खाना पकाने (Cooking) की ह़ालत में भी क़ुरआने पाक की तिलावत जारी रखतीं ।
(सफ़ीनए नूह़, ह़िस्सा दुवुम, स. 35)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! आप ने सुना कि ख़ातूने जन्नत, सय्यिदा फ़ात़िमा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا को इ़बादत व तिलावत का किस क़दर ज़ौक़ो शौक़ था कि दिन रात इ़बादत बजा लातीं और घरेलू मसरूफ़िय्यत के दौरान भी ज़बान से क़ुरआने करीम की तिलावत जारी रखतीं । अफ़्सोस ! आज अक्सर नौजवान पूरा पूरा दिन कानों में हेन्ड फ़्री (Earphones) लगा कर बड़े इन्हिमाक से गाने सुनते हुवे अपने कामों में मगन रहते हैं और साथ साथ अपनी ज़बान से भी गुनगुनाते जाते हैं, ख़वातीन घर के काम काज के दौरान गाने सुनती हैं, गोया गाने, बाजों के बिग़ैर उन के काम ही नहीं होते । फ़ी ज़माना तो गाने, बाजों की आ़दते बद (या'नी बुरी आ़दत) इस क़दर बढ़ चुकी है कि बा'ज़ नादान गाड़ी चलाते हुवे अपने मोबाइल या टेप रीकॉर्डर पर गाने लगाए होते हैं ।