Book Name:Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail
3 हिजरी में (अपनी एक और शहज़ादी) ह़ज़रते सय्यिदतुना उम्मे कुल्सूम رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا का निकाह़ अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना उ़स्माने ग़नी رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ के साथ फ़रमाया । 9 हिजरी में ह़ज़रते सय्यिदतुना उम्मे कुल्सूम رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا की वफ़ात हुई । रसूले ख़ुदा, अह़मदे मुज्तबा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की इस शहज़ादी को भी येह ए'ज़ाज़ ह़ासिल हुवा कि इन के बाबाजान, रह़मते आ़लमिय्यान صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इन की नमाज़े जनाज़ा ख़ुद पढ़ाई और इन्हें मदीनए मुनव्वरा के क़ब्रिस्तान "जन्नतुल बक़ीअ़" में दफ़्न भी फ़रमाया ।
(شرح زرقانی، الفصل الثانی فی ذکر اولادہ الکرام،۴/۳۲۵ ۔۳۲۷)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "मदनी मुज़ाकरा"
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल में आक़ा करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ और दीगर मुक़द्दस हस्तियों का अदब सिखाया जाता है, उन से मह़ब्बत का दर्स दिया जाता है और उन की सीरत पर अ़मल करने का ज़ेहन भी दिया जाता है, लिहाज़ा दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से हर दम वाबस्ता हो जाइये और अपने अ़लाके़ में ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों की धूमें मचा दीजिये । ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "मदनी मुज़ाकरा" भी है ।
٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मदनी मुज़ाकरे देखते, सुनते रहने की बरकत से शरई़ मुआ़मलात में एह़तियात़ करने का ज़ेहन नसीब होता है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत मुयस्सर आती है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से अ़मल का जज़्बा बढ़ता है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से गुनाहों से नफ़रत पैदा होती है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल में इस्तिक़ामत नसीब होती है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी कामों से