Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail

Book Name:Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail

मुतअ़ल्लिक़ मा'लूमात मिलती हैं । ٭ मदनी मुज़ाकरा इ़ल्मे दीन की तरक़्क़ी का बाइ़स है । ٭ मदनी मुज़ाकरा अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की ज़िन्दगी के सैंक्ड़ों बल्कि हज़ारों तजरिबात से मदनी तरबिय्यत ह़ासिल करने का बेहतरीन ज़रीआ़ है । ٭ मदनी मुज़ाकरे में दीनी मा'लूमात मिलने के साथ साथ अख़्लाक़ी तरबिय्यत भी होती है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ से किये गए मुख़्तलिफ़ सुवालात के दिलचस्प जवाबात की सूरत में इ़ल्मे दीन ह़ासिल होता है और इ़ल्मे दीन की फ़ज़ीलत के भी क्या कहने ! कि :

एक हज़ार नवाफ़िल से अफ़्ज़ल    

        ह़ज़रते सय्यिदुना अबू ज़र ग़िफ़ारी رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ फ़रमाते हैं : ह़ुज़ूरे पुरनूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने मुझ से इरशाद फ़रमाया : ऐ अबू ज़र ! तुम्हारा इस ह़ाल में सुब्ह़ करना कि तुम ने अल्लाह करीम की किताब से एक आयत सीखी हो, येह तुम्हारे लिये सौ रक्अ़तें नफ़्ल पढ़ने से बेहतर है और तुम्हारा इस ह़ाल में सुब्ह़ करना कि तुम ने इ़ल्म का एक बाब सीखा हो जिस पर अ़मल किया गया हो या न किया गया हो, तो येह तुम्हारे लिये हज़ार रक्अ़त नवाफ़िल पढ़ने से बेहतर है । (ابن ماجہ، کتاب السنة، ۱/۱۴۲،حدیث:۲۱۹)

        اَلْحَمْدُلِلّٰہ ! कई इस्लामी भाई मदनी मुज़ाकरे की बरकत से अपनी गुनाहों भरी ज़िन्दगी से तौबा कर चुके हैं । आइये ! निय्यत करते हैं कि हम भी हर हफ़्ते मदनी मुज़ाकरा देखने को यक़ीनी बनाएंगे और दूसरे इस्लामी भाइयों को भी मदनी मुज़ाकरा देखने की दा'वत देते रहेंगे, اِنْ شَآءَ اللّٰہ । हफ़्तावार मदनी मुज़ाकरे के इ़लावा मुख़्तलिफ़ मवाक़ेअ़ पर भी मदनी मुज़ाकरों का सिलसिला होता है, मसलन मोह़र्रमुल ह़राम के 10 मदनी मुज़ाकरे, माहे रबीउ़ल अव्वल (बारहवीं) के 12 मदनी मुज़ाकरे, माहे रबीउ़ल आख़िर (ग्यारहवीं) के 11 मदनी मुज़ाकरे, माहे रमज़ान में रोज़ाना 2 मदनी मुज़ाकरे, माहे ज़ुल ह़िज्जतिल ह़राम के 10 मदनी मुज़ाकरे वग़ैरा ।