Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail

Book Name:Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail

          याद रहे ! ह़ुज़ूरे पुरनूर, शाफे़ए़ यौमुन्नुशूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की मुक़द्दस औलाद की ता'दाद सात है, तीन साह़िबज़ादे और चार साह़िब ज़ादियां رِضْوَانُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن(شرح المواہب،۴/۳۱۳) ह़ुज़ूर सरापा नूर, फै़ज़े गन्जूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की इन सातों मुक़द्दस औलाद में से सिर्फ़ आप के एक शहज़ादे, ह़ज़रते सय्यिदुना इब्राहीम رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ, ह़ज़रते बीबी मारिया क़िब्त़िय्या رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا के शिकमे अत़्हर से पैदा हुवे, बाक़ी तमाम औलादे किराम, उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदतुना ख़दीजतुल कुब्रा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا के बत़ने अत़्हर से पैदा हुईं । (सीरते मुस्त़फ़ा, स. 687, मुलख़्ख़सन)

        ह़ज़रते सय्यिदतुना ज़ैनब رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا, हमारे प्यारे आक़ा, मक्की मदनी मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सब से बड़ी शहज़ादी हैं । लिहाज़ा पहले आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا का ज़िक्रे ख़ैर सुनते हैं । चुनान्चे,

ह़ज़रते सय्यिदतुना ज़ैनब رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا

        ह़ज़रते सय्यिदतुना ज़ैनब رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا'लाने नुबुव्वत से दस साल क़ब्ल जब कि ह़ुज़ूर (नबिय्ये करीम, रऊफ़ुर्रह़ीम) صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की उ़म्र शरीफ़ तीस साल थी, मक्कए मुकर्रमा में पैदा हुईं । आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا की तरबिय्यत मोअ़ल्लिमे काइनात, फ़ख्रे़ मौजूदात صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ख़ुद फ़रमाई, आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا बहुत नेक और परहेज़गार थीं, आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا सब्र का पहाड़ और निहायत शुक्र गुज़ार थीं । ग़ौर कीजिये ! जिन की तरबिय्यत ख़ुद मुस्त़फ़ा करीम, रऊफ़ुर्रह़ीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाई हो, उस हस्ती के अख़्लाक़ कितने उ़म्दा होंगे ! उस हस्ती की आ़दतें कितनी ख़ूब होंगी ! और वोह कैसे कैसे अच्छे औसाफ़ और उ़म्दा ख़ूबियों वाली होगी !

          रमज़ान 2 हिजरी में जब अबुल आ़स जंगे बदर से गिरिफ़्तार हो कर मदीना आए, उस वक़्त तक ह़ज़रते ज़ैनब رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا मक्कए मुकर्रमा ही में मुक़ीम थीं । आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا ने ह़ज़रते अबुल आ़स को कै़द से छुड़ाने के लिये