Book Name:Ita'at-e-Mustafa
अनस رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ फ़रमाते हैं :) आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के साथ मैं भी दा'वत में शरीक हो गया । दर्ज़ी ने आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के सामने रोटी, कद्दू (या'नी लौकी शरीफ़) और गोश्त का सालन रखा । मैं ने देखा नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ बरतन से कद्दू शरीफ़ तलाश कर के तनावुल फ़रमा रहे हैं (इस के बा'द आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ अपना अ़मल बताते हुवे फ़रमाते हैं :) فَلَمْ اَ زَلْ اُحِبُّ الدُّبَّاءَمِنْ یَوْمِئِذٍ उस दिन के बा'द से मैं कद्दू शरीफ़ को पसन्द करता हूं । (بخاری، کتاب البیوع ،باب ذکر الخیاط،۲/۱۷، حدیث: ۲۰۹۲)
سُبْحٰنَ اللّٰہ ! सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان में नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की पैरवी का कैसा जज़्बा था और येह ह़ज़रात, आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की हर अदा को अपनाने का कैसा शौक़ रखते थे ! इन की रसूले मक़्बूल, बीबी आमिना के महकते फूल صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से मह़ब्बत का आ़लम तो देखिये कि रसूले ख़ुदा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ जिस चीज़ को पसन्द फ़रमाते, येह ह़ज़रात भी उसी चीज़ को अपनी पसन्द का ह़िस्सा बना लिया करते फिर सरकार صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ जिस चीज़ का ह़ुक्म फ़रमाया करते, तो उस में इत़ाअ़त का क्या आ़लम होगा ! आइये ! इस ज़िमन में सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان की इत़ाअ़ते रसूल से मुतअ़ल्लिक़ चन्द प्यारे प्यारे वाक़िआ़त सुनती हैं ।
ह़ज़रते आ़इशा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا का फ़रमाने रसूल पर अ़मल
एक बार उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदतुना आ़इशा सिद्दीक़ा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا के पास एक साइल (या'नी फ़क़ीर) आया, आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا ने उसे रोटी का एक टुक्ड़ा अ़त़ा फ़रमा दिया फिर एक ख़ुश लिबास शख़्स आया, तो आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا ने उसे बिठा कर खाना खिलाया । लोगों ने इस फ़र्क़ की वज्ह पूछी, तो आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا ने इरशाद फ़रमाया : रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ