Book Name:Ita'at-e-Mustafa
चला करो । इस के बा'द येह ह़ाल हो गया कि औ़रतें इस क़दर गली के किनारे से चलती थीं कि उन के कपड़े दीवारों से उलझ जाया करते थे ।
(ا بو داود،باب فی مشی النساء مع الرجال فی الطریق، الحدیث:۵۲۷۲، ج۴،ص۴۷۰)
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बयान कर्दा वाक़िए़ में हमारे लिये बेहतरीन दर्स मौजूद है कि उन सह़ाबिय्यात رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہُنَّ को नबिय्ये करीम
صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने सिर्फ़ एक बार फ़रमाया : पीछे रहो ! तुम रास्ते के दरमियान से नहीं गुज़र सकतीं । तो उन्हों ने इस ह़ुक्म पर ऐसा अ़मल किया कि दीवारों से लग कर चलने से उन के कपड़े अटक जाया करते थे ।
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! यक़ीनन बे पर्दगी व बद निगाही, तबाही व बरबादी का सबबे अ़ज़ीम या'नी बहुत बड़ा सबब है । लिहाज़ा हमें चाहिये कि हम ख़ुद भी बद निगाही से बचें और अपने घर वालों को भी पर्दे की तल्क़ीन करें । घर में शरई़ पर्दा राइज करने का एक त़रीक़ा येह भी है कि हम अपने घर वालों को दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता करें, उन्हें अपने अ़लाक़े में होने वाले दा'वते इस्लामी के इस्लामी बहनों के हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में भेजा करें ।
मद्रसतुल मदीना लिल बनात में क़ारिया इस्लामी बहनें मदनी मुन्नियों को फ़ी सबीलिल्लाह क़ुरआने पाक ह़िफ़्ज़ो नाज़िरा की मुफ़्त ता'लीम देती हैं । मद्रसतुल मदीना बालिग़ात में बड़ी उ़म्र की इस्लामी बहनों को इस्लामी बहनें घरों में इजतिमाई़ त़ौर पर फ़ी सबीलिल्लाह क़ुरआन पढ़ातीं, नमाज़, दुआ़एं और उन के मख़्सूस मसाइल वग़ैरा सिखाती हैं ।
मद्रसतुल मदीना लिल बनात ऑन लाइन में इस्लामी बहनें, इस्लामी बहनों को ब ज़रीआ़ इन्टरनेट दुरुस्त अदाएगी के साथ क़ुरआने करीम पढ़ाती और उन की सुन्नत के मुत़ाबिक़ तरबिय्यत करती हैं । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ कमो बेश 65 मुमालिक में त़लबा व त़ालिबात इन्टरनेट के ज़रीए़ क़ुरआने करीम की ता'लीम ह़ासिल कर रहे हैं ।