Tazeem-e-Mustafa Ma Jashne Milad Ki Barakaten

Book Name:Tazeem-e-Mustafa Ma Jashne Milad Ki Barakaten

मक़ामात पर हर साल ई़दे मीलादुन्नबी शानदार त़रीके़ से मनाई जाती है । रबीउ़ल अव्वल की 12वीं शब को अ़ज़ीमुश्शान इजतिमाए़ मीलाद का इन्ए़क़ाद होता है और ई़द के रोज़ (या'नी 12 रबीउ़ल अव्वल) "मरह़बा या मुस्त़फ़ा" की धूमें मचाते हुवे बे शुमार जुलूसे मीलाद निकाले जाते हैं जिन में लाखों आ़शिक़ाने रसूल शरीक होते हैं ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

मजलिसे मदनी इनआ़मात

       मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! हम ता'ज़ीमे मुस्त़फ़ा और जश्ने मीलाद की बरकतों से मुतअ़ल्लिक़ बयान सुन रही हैं, अगर आप भी रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की अ़ज़मत को अपने दिल में मज़ीद बढ़ाना चाहती हैं, तो आइये ! दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ दा'वते इस्लामी कमो बेश 104 शो'बाजात (Departments) में दीन की ख़िदमत कर रही है, इन्ही शो'बाजात में से एक "मजलिसे मदनी इनआ़मात" भी है । इस मजलिस का बुन्यादी मक़्सद इस्लामी भाइयों, इस्लामी बहनों, जामिआ़तुल मदीना व मदारिसुल मदीना के त़लबा व त़ालिबात को बा अ़मल बनाना और उन्हें मदनी इनआ़मात पर अ़मल की तरग़ीब दिलाना है ।

          शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ इरशाद फ़रमाते हैं कि काश ! दीगर फ़राइज़ व सुनन की बजा आवरी के साथ साथ तमाम इस्लामी भाई और बहनें इन मदनी इनआ़मात को भी अपनी ज़िन्दगी का दस्तूरुल अ़मल बना लें और तमाम ज़िम्मेदाराने दा'वते इस्लामी अपने ह़ल्के़ में इन मदनी इनआ़मात को आ़म करें ताकि हर मुसलमान अपनी क़ब्रो आख़िरत की बेहतरी के लिये इन को इख़्लास के साथ अपना कर अल्लाह करीम के फ़ज़्लो करम से जन्नतुल फ़िरदौस में अपने मदनी ह़बीब صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का पड़ोसी बनने का अ़ज़ीम तरीन इनआ़म पा ले । आइये ! हम सब निय्यत करती हैं कि न सिर्फ़ ख़ुद मदनी इनआ़मात पर अ़मल की कोशिश करेंगी बल्कि दूसरों को भी इस पर अ़मल करने की तरग़ीब दिलाएंगी । V

मक्तूबे अ़त़्त़ार

      मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने जश्ने मीलाद मनाने वाले आ़शिक़ाने मीलाद को अपने मक्तूब (Letter) में कुछ अहम मदनी फूल अ़त़ा फ़रमाए हैं । आइये ! चन्द मदनी फूल समाअ़त कीजिये :