Tazeem-e-Mustafa Ma Jashne Milad Ki Barakaten

Book Name:Tazeem-e-Mustafa Ma Jashne Milad Ki Barakaten

       इस्लामी बहन का बे पर्दगी करना ह़राम है । बराहे करम ! रबीउ़ल अव्वल की बरकत से इस्लामी बहनें मुस्तक़िल शरई़ पर्दा और ज़हे क़िस्मत ! मदनी बुरक़अ़ पहनने, शरई़ पर्दा करने की निय्यत करें । (औ़रत का बे पर्दगी करना ह़राम और फ़ौरन तौबा कर के इन गुनाहों से बाज़ आना वाजिब है)

झुक गया का'बा सभी बुत मुंह के बल औंधे गिरे

दबदबा आमद का था, अह्लंव व सहलन मरह़बा

(वसाइले बख़्शिश मुरम्मम, स. 147)

       सुन्नतों और नेकियों पर इस्तिक़ामत पाने का अ़ज़ीम मदनी नुस्ख़ा येह है कि तमाम आ़शिक़ाने रसूल इस्लामी भाई और इस्लामी बहनें रोज़ाना "फ़िक्रे मदीना" करते हुवे मदनी इनआ़मात के रिसाले पुर कर के हर इस्लामी माह की पहली तारीख़ को जम्अ़ करवाने की निय्यत करें । अगर निय्यत बनती हो, तो हाथ उठा कर कहिये : اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ وَجَلَّ । (याद रखिये ! अगर दिल में निय्यत न होने के बा वुजूद जान बूझ कर दिखावे के लिये हाथ उठाना कि मैं भी निय्यत करती हूं, गुनाह है)

बदलियां रह़मत की छाईं, बून्दियां रह़मत की आईं

अब मुरादें दिल की पाएं, आमदे शाहे अ़रब है

(क़बालए बख़्शिश, स. 184)

       तमाम आ़शिक़ाते रसूल इस्लामी बहनें ब शुमूल ज़िम्मेदारान रबीउ़ल अव्वल शरीफ़ में ख़ुसूसिय्यत के साथ 1 माह तक रोज़ाना घर के अन्दर (सिर्फ़ घर की इस्लामी बहनों और मह़रमों में) मदनी दर्स (दर्से फै़ज़ाने सुन्नत) जारी करें और फिर आइन्दा भी रोज़ाना जारी रखने की निय्यत फ़रमाएं ।

          अच्छी अच्छी निय्यतों के साथ अपने घर पर 12 अ़दद वरना कम अज़ कम एक अ़दद मदनी परचम रबीउ़ल अव्वल की चांद रात से ले कर सारा महीना लहराइये, اِنْ شَآءَ اللّٰہ हर त़रफ़ मदनी परचमों की मदनी बहारें मुस्कुराती नज़र आएंगी ।

ज़रूरी एह़तियात़ : अगर झन्डे पर नक़्शे ना'ले पाक या कोई लिखाई हो, तो इस बात का ख़याल रखिये कि न वोह लीरे लीरे हो, न ही ज़मीन पर

तशरीफ़ लाए नीज़ जूंही रबीउ़ल अव्वल शरीफ़ का महीना तशरीफ़ ले जाए, फ़ौरन उतार लीजिये । अगर एह़तियात़ नहीं कर पाते और बे अदबी हो जाती है, तो सादा मदनी परचम लहराइये ।

नबी का झन्डा ले कर निकलो दुन्या पर छा जाओ

नबी का झन्डा अमन का झन्डा घर घर में लहराओ

       अपने घर पर 12 झालरों (या'नी लड़ियों) या कम अज़ कम 12 बल्बों से 12 दिन तक ख़ूब चराग़ां कीजिये ।

मश्रिक़ो मग़रिब में इक इक, बामे का'बा पर भी एक