Book Name:Tazeem-e-Mustafa Ma Jashne Milad Ki Barakaten
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! सफ़रुल मुज़फ़्फ़र का मुबारक महीना अपने इख़्तिताम की जानिब रवां दवां है, इस के बा'द اِنْ شَآءَ اللّٰہरबीउ़ल अव्वल का नूर बार महीना हमारे दरमियान जल्वागर हो जाएगा । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इस बा बरकत महीने में पूरी दुन्या में लाखों लाख आ़शिक़ाने रसूल अपने आक़ा व मौला, ह़बीबे किब्रिया صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की विलादत का जश्न धूम धाम से मना कर आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से अपनी अ़क़ीदतो मह़ब्बत का इज़्हार करते हैं । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ कई मुल्कों और शहरों में इस सिलसिले में आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के तह़्त सुन्नतों भरे इजतिमाआ़त मुन्अ़क़िद किये जाते हैं जिन में नबिय्ये करीम, रऊफ़ुर्रह़ीम की सीरते त़य्यिबा के दिल नशीन वाक़िआ़त और आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के मुख़्तलिफ़ औसाफ़ को बयान किया जाता है । اِنْ شَآءَ اللّٰہ आज के इस हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में भी हम आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ता'ज़ीम से मुतअ़ल्लिक़ ईमान अफ़रोज़ क़ुरआनी आयात, तफ़ासीर, अह़ादीसे मुबारका, वाक़िआ़त व रिवायात और उ़लमाए किराम के इरशादात सुनने की सआ़दत ह़ासिल करेंगी और उन से ह़ासिल होने वाले मदनी फूलों को चुन कर अपने दिल के मदनी गुलदस्ते में सजाने की कोशिश करेंगी । اِنْ شَآءَ اللّٰہ
हु़ज़ूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ता'ज़ीम बख़्शिशश का सबब बन गई
ह़ज़रते सय्यिदुना वह्ब बिन मुनब्बेह رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ से रिवायत है कि बनी इसराईल में एक ऐसा शख़्स था जिस ने अपनी ज़िन्दगी के दो सौ साल अल्लाह पाक की ना फ़रमानी में गुज़ारे, इसी ना फ़रमानी के आ़लम में उस की मौत वाके़अ़ हो गई, बनी इसराईल ने उस के मुर्दा जिस्म को टांग से पकड़ कर घसीटते हुवे गन्दगी के ढेर पर फेंक दिया । अल्लाह पाक ने अपने नबी ह़ज़रते सय्यिदुना मूसा عَلَیْہِ السَّلَام की त़रफ़ वह़्य भेजी कि उस को वहां से उठाओ और उस के कफ़न दफ़्न का इन्तिज़ाम कर के उस की नमाज़े जनाज़ा पढ़ो । ह़ज़रते सय्यिदुना मूसा عَلَیْہِ السَّلَام ने लोगों से उस के मुतअ़ल्लिक़ पूछा, तो उन्हों ने उस के बद किरदार होने की गवाही दी । ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام ने अल्लाह पाक की बारगाह में अ़र्ज़ की : या रब्बे करीम ! बनी इसराईल तो इस के बद किरदार होने की गवाही दे रहे हैं कि इस ने अपनी ज़िन्दगी के दो सौ साल तेरी ना फ़रमानी में गुज़ारे हैं । अल्लाह पाक ने ह़ज़रते सय्यिदुना मूसा عَلَیْہِ السَّلَام की त़रफ़ वह़्य फ़रमाई कि येह ऐसा ही बद किरदार था मगर इस की येह आ़दत थी कि जब कभी तौरात शरीफ़ पढ़ने के लिये खोलता और मुह़म्मद के इस्मे गिरामी की त़रफ़ देखता, तो उस को चूम कर अपनी आंखों से लगा लेता और उन पर दुरूद पढ़ा करता, पस मैं ने इस के इस अ़मल की क़द्र की और इस के गुनाहों को मुआ़फ़ फ़रमा कर इस का निकाह़ सत्तर हू़रों के साथ कर दिया ।
(حِلیۃ الاولیاء،۴/۴۵،حدیث:۴۶۹۵)