Book Name:Tazeem-e-Mustafa Ma Jashne Milad Ki Barakaten
मदनी माह़ोल से वाबस्ता करने का एक बेहतरीन ज़रीआ़ है । ٭ मदनी दौरे की बरकत से इस्लामी भाई फ़राइज़ के साथ साथ सलातो सुन्नत पर अ़मल करने की सआ़दत ह़ासिल करते हैं । लिहाज़ा हमें भी वक़्त निकाल कर इस अ़ज़ीम मदनी काम में बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लेना चाहिये ।
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! इस मदनी काम का रिसाला बनाम "मदनी दौरा" भी मक्तबतुल मदीना से शाएअ़ हो चुका है । मदनी दौरे के बारे में मज़ीद अहम तन्ज़ीमी मा'लूमात जानने के लिये इस रिसाले का मुत़ालआ़ कीजिये । आइये ! बत़ौरे तरग़ीब मदनी दौरे की एक मदनी बहार सुनते हैं । चुनान्चे,
बाबुल इस्लाम के एक शहर में 3 दिन के लिये आ़शिक़ाने रसूल का एक मदनी क़ाफ़िला पहुंचा । नमाज़े अ़स्र के बा'द गूंगे बहरे इस्लामी भाई, उ़मूमी इस्लामी भाइयों के हमराह मदनी दौरे के लिये गए और मस्जिद के क़रीब एक मैदान में किर्कट (Cricket) खेलने वाले नौजवानों के पास पहुंचे । एक उ़मूमी इस्लामी भाई ने बताया कि हमारे साथ क़ुव्वते समाअ़त व गोयाई से मह़रूम इस्लामी भाई भी हैं, येह आप को इशारों की ज़बान में नेकी की दा'वत पेश करेंगे । गूंगे बहरे इस्लामी भाई ने इशारों की ज़बान में नेकी की दा'वत देते हुवे उन्हें मस्जिद में साथ चलने की तरग़ीब दिलाई । इस के बा'द उ़मूमी इस्लामी भाई ने भी तरग़ीब दिलाई । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ नेकी की दा'वत सुन कर वोह किर्कट खेलने वाले नौजवान सर झुकाए मुबल्लिग़ के साथ मस्जिद की त़रफ़ चल पड़े और इस त़रह़ मदनी दौरे की बरकत से नमाज़ियों की ता'दाद में इज़ाफ़ा हो गया ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! याद रखिये ! जिस त़रह़ ख़ुद ताजदारे अम्बिया, सरवरे हर दोसरा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ज़ाते अक़्दस की ता'ज़ीम ज़रूरी है, इसी त़रह़ आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से निस्बत रखने वाले अस्ह़ाब व अज़्वाज, आल व औलाद और तबर्रुकात के साथ साथ आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के ज़िक्रे अक़्दस की भी ता'ज़ीम ज़रूरी है । यूं तो तमाम ही दीनी मह़ाफ़िल में ज़िक्रे मुस्त़फ़ा किया जाता है लेकिन इजतिमाए़ मीलाद में ख़ुसूसिय्यत के साथ आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का ज़िक्रे ख़ैर होता, आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की शानो अ़ज़मत को बयान किया जाता और आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की सीरते मुबारका के प्यारे प्यारे वाक़िआ़त सुनाए जाते